यूपी पुलिस की लापरवाही: निर्दोष भाई को भेजा जेल, मृतक का नाम लिया गया

पुलिस की बड़ी गलती उजागर

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में पुलिस की एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां एक निर्दोष व्यक्ति को गुनहगारों की सूची में डाल दिया गया, जिससे उसे खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ा। शोहेब अहमद, जो मृतक मोहम्मद सोहेल खां का भाई है, को पुलिस ने जेल भेज दिया, जबकि सोहेल की 8 साल पहले ही मौत हो चुकी थी।
शोहेब ने बार-बार पुलिस को बताया कि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन पुलिस ने उसकी बात नहीं मानी। 30 जनवरी 2016 को कोर्ट ने मोहम्मद सोहेल खां के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
जेल भेजने का कारण और कोर्ट में अर्जी
पुलिस ने 26 जुलाई 2025 को शोहेब को गलत तरीके से गिरफ्तार कर लिया। शोहेब ने अदालत में अर्जी लगाकर बताया कि जिस वारंट के आधार पर उसे जेल भेजा गया, उसमें उसका नाम नहीं था। वारंट मोहम्मद सोहेल खां के नाम पर था, जो अब जीवित नहीं है।
शोहेब ने यह भी बताया कि उसके भाई की 30 मार्च 2017 को मौत हो चुकी है, और उसके पास मृत प्रमाण पत्र भी है। इसके बाद, मिर्जापुर की प्रथम अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट पल्लवी सिंह ने 28 जुलाई 2025 को शोहेब को रिहा करने का आदेश दिया।
पुलिस अधिकारी को नोटिस
इस मामले में नारायणपुर चौकी प्रभारी अजय कुमार मिश्रा को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने 26 जुलाई को मोहम्मद सोहेल खां और शहजादे को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में पता चला कि शोहेब ही असली व्यक्ति है।
मिर्जापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने मामले की जांच के लिए क्षेत्राधिकार चुनार की मंजरी राव को नियुक्त किया है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।