यूथ कांग्रेस का कैंडल मार्च: उन्नाव रेप केस में सेंगर की जमानत पर विरोध

यूथ कांग्रेस ने उन्नाव रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर को मिली जमानत के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह महिला विरोधी सोच को बढ़ावा दे रही है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। जानें इस मामले में सीबीआई की भूमिका और आगे की योजनाएं क्या हैं।
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यूथ कांग्रेस का कैंडल मार्च: उन्नाव रेप केस में सेंगर की जमानत पर विरोध

यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन

यूथ कांग्रेस का कैंडल मार्च: उन्नाव रेप केस में सेंगर की जमानत पर विरोध

यूथ कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकाला.


उन्नाव रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने केरल भवन से जंतर-मंतर तक कैंडल मार्च निकाला, जिसमें सेंगर को मिली जमानत का विरोध किया गया। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने BNS की धारा 163 का हवाला देते हुए मार्च को गैरकानूनी करार दिया और हटने की अपील की।


बीजेपी पर आरोप

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु ने कहा कि सेंगर को मिली जमानत बीजेपी की कोशिशों का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह RSS की महिला विरोधी सोच को दर्शाता है, और बीजेपी भी इसी सोच के तहत काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसके खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे।


सीबीआई की भूमिका पर सवाल

उदय भानु ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब बीजेपी सरकार राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ मामलों को लटकाने में लगी थी, तब इस मामले में इतनी ढिलाई क्यों बरती गई? उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि बीजेपी की प्राथमिकता राजनीतिक लाभ उठाना है, जबकि महिलाओं के खिलाफ अपराधियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।


भविष्य की योजनाएं

जब उनसे पूछा गया कि आगे क्या किया जाएगा, तो उदय भानु ने कहा कि संघर्ष जारी रहेगा। यह पहला और आखिरी मामला नहीं है। बीजेपी की सरकार में महिला विरोधी सोच और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।


पुलिस की कार्रवाई

सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से इंडिया गेट पर बैठे थे, लेकिन उन्हें वहां से हटाया गया। जब वे हाई कोर्ट के पास गए, तो उन्हें जंतर मंतर जाने के लिए कहा गया, और अब वहां भी उन्हें रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे वे अपराध कर रहे हैं।


सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास

योगिता भयाना ने सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोर्ट का इक्विटल रेट केवल 27% है, और 73% लोग बाहर आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे कानून के पास गए थे और लोअर कोर्ट से न्याय मिला था, लेकिन हाई कोर्ट ने बेल दी है।