यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब से रूस को भारी नुकसान

यूक्रेन का प्रभावी हमला
रविवार, 1 जून 2025 को यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब ने रूस में एक बड़ी तबाही मचाई, जिसे व्लादिमीर पुतिन शायद ही भूल पाएंगे। इस हमले में न केवल रूस के एयरबेस को नुकसान पहुंचा, बल्कि महंगे विमानों को भी गंभीर क्षति हुई।
ड्रोन का उपयोग
दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेन ने सस्ते फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिससे रूस को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने 18 महीनों की योजना बनाकर 4000 किमी अंदर जाकर हमला किया।
हमले की योजना
116 ड्रोन, जो AI और ऑटो-होमिंग तकनीक से लैस थे, लकड़ी के डिब्बों में छिपाकर रूस की सीमा तक पहुंचाए गए। इन ड्रोन ने कई एयरबेस पर हमला किया और टीयू-95, टीयू-22 बमवर्षक और ए-50 रडार डिटेक्शन विमान को नष्ट कर दिया।
रूस को हुआ नुकसान
यूक्रेन ने रूस के पांच हवाई अड्डों पर 41 विमानों को नष्ट या क्षतिग्रस्त किया है, जिनमें TU-95, TU-22M3 और A-50 शामिल हैं। SBU का दावा है कि इस हमले में रूसी हथियारों की कुल कीमत 7 बिलियन डॉलर है, जो भारतीय रुपये में लगभग 5 खरब, 97 अरब, 73 करोड़, 93 लाख, 49 हजार, 900 रुपये होती है।
यूक्रेन का नुकसान
यूक्रेन ने FPV ड्रोन का उपयोग करते हुए यह हमला किया। FPV एक छोटी उड़ने वाली मशीन होती है, जिसमें कैमरा लगा होता है, जो ऑपरेटर को लाइव लोकेशन भेजता है। यह तकनीक युद्ध में भी प्रभावी साबित हो रही है।
ड्रोन की लागत
एक FPV ड्रोन की लागत लगभग 1200 डॉलर यानी 1,02,482.82 रुपये होती है। इस प्रकार, 116 FPV की कुल लागत एक करोड़, 18 लाख, 87 हजार, 912 रुपये होगी। रूस ने भी हमले की पुष्टि की है, लेकिन कुछ स्थानों पर हमलों को विफल करने का दावा किया है।