युद्ध की प्रकृति में बदलाव: नौसेना प्रमुख का बयान

युद्ध और शांति के बीच धुंधली रेखाएं
नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को कहा कि युद्ध की प्रकृति सदियों से स्थिर रही है, लेकिन इसका स्वरूप तेजी से बदल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध और शांति के बीच की सीमाएं तेजी से धुंधली होती जा रही हैं।
सीआईआई शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि आतंकवादी गतिविधियों जैसे असामान्य खतरों का प्रभाव जल्दी ही बड़े संघर्ष में बदल सकता है।'
यह टिप्पणी हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक जारी सैन्य तनाव के संदर्भ में आई है। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, 'युद्ध की प्रकृति सदियों से एक जैसी रही है, लेकिन इसका स्वरूप तेजी से बदल रहा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'नई तकनीकों को तेजी से अपनाना, उन्हें युद्ध क्षमताओं में परिवर्तित करना, आवश्यकता पड़ने पर बड़े पैमाने पर निर्माण करना, और निरंतर नवाचार एवं अनुकूलन हमारी सामूहिक सुरक्षा को परिभाषित करेगा।'