यशस्वी जायसवाल: गोलगप्पे बेचने वाले से क्रिकेट के सितारे तक का सफर

यशस्वी जायसवाल, जो भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे हैं, ने अपने करियर की शुरुआत गोलगप्पे बेचने से की थी। उनकी संघर्ष की कहानी और हालिया रैंकिंग में बदलाव के बारे में जानें। इसके साथ ही, उनकी प्रेमिका मैडी हैमिल्टन के साथ रिश्ते की चर्चा भी हो रही है। जानें यशस्वी की यात्रा और उनके क्रिकेट करियर की महत्वपूर्ण बातें।
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यशस्वी जायसवाल: गोलगप्पे बेचने वाले से क्रिकेट के सितारे तक का सफर

यशस्वी जायसवाल का क्रिकेट सफर


यशस्वी जायसवाल, जो भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते बल्लेबाज हैं, ने हाल ही में आईसीसी की ताज़ा रैंकिंग में अपनी स्थिति खो दी है। मैनचेस्टर में शतक लगाने वाले रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर को फायदा हुआ है, जबकि यशस्वी तीन स्थान नीचे खिसक गए हैं।


यशस्वी की यात्रा में कई कठिनाइयाँ शामिल हैं, जिसमें तंबू में रात बिताना और बारिश में छत के नीचे सोना शामिल है। उनके संघर्ष की कई कहानियाँ हैं, जिनमें से एक यह है कि उन्होंने पानी पूरी बेचने का काम किया।


गोलगप्पे बेचने का अनुभव

गोलगप्पे तक बेचना पड़ा


यशस्वी जायसवाल: गोलगप्पे बेचने वाले से क्रिकेट के सितारे तक का सफर
Yashasvi Jaiswal Would Sell Pani-Puri At Azad Maidan


यशस्वी की कहानी अंडर-19 विश्व कप के दौरान सुर्खियों में आई। उनके संघर्ष की शुरुआत मुंबई की सड़कों पर पानी पूरी बेचने से हुई। उनके बचपन के कोच ज्वाला सिंह ने बताया कि यशस्वी ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में पानी पूरी बेची थी, लेकिन यह बात उन्हें पसंद नहीं है।


ज्वाला ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा कि यशस्वी और वह दोनों उस समय एक टेंट में रहते थे, जहाँ आजाद मैदान पर कई ठेले लगते थे। यशस्वी को वहाँ सभी जानते थे और वह लोगों को पानी-पूरी भी खिलाते थे।


यशस्वी की गोरी मैम

कौन हैं क्रिकेटर की गोरी मैम?


यशस्वी और मैडी हैमिल्टन के रिश्ते की चर्चा जोरों पर है, लेकिन यशस्वी ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। मैडी, जो ब्रिटेन की हैं, अभी पढ़ाई कर रही हैं और एक पोषण विशेषज्ञ हैं।


वह अक्सर अपने इंस्टाग्राम पर फिटनेस से संबंधित पोस्ट साझा करती हैं और भारत के मैचों के दौरान स्टैंड्स में यशस्वी का उत्साह बढ़ाते हुए देखी जाती हैं।


यशस्वी का करियर

Yashasvi Jaiswal का करियर


यशस्वी का जन्म उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में हुआ। उनके पिता गोलगप्पे की दुकान चलाते थे। यशस्वी ने 13 साल की उम्र में क्रिकेट में करियर बनाने के लिए मुंबई का रुख किया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का महत्वपूर्ण सदस्य बना दिया है।


यशस्वी एक बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज हैं और 2020 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने सबसे अधिक रन बनाए थे। 2023 में, उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और शानदार 171 रन बनाए।