यश की आत्महत्या: ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंसे एक बच्चे की दुखद कहानी

यश की आत्महत्या की जांच में नया मोड़
लखनऊ। 14 लाख रुपये की ऑनलाइन गेमिंग में हारने के बाद यश की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, एक युवती जो बिहार के गिरोह से जुड़ी थी, ने यश को गुमराह कर पैसे वसूले। उसका साथी भी यश के संपर्क में था और दोनों ने मिलकर यश से महंगे सामान की खरीदारी करवाई। यश ने यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया। यश के पिता सुरेश यादव के बैंक खातों की जांच में यह सामने आया कि 400 से अधिक बार पैसे बिहार के छह अलग-अलग खातों में भेजे गए।
पुलिस की कार्रवाई और परिवार की पीड़ा
यश के पिता सुरेश ने बताया कि जब उन्होंने यश के मोबाइल फोन का उपयोग रोकने की कोशिश की, तो वह आक्रामक हो गया। एक बार तो उसने अपनी मां विमला का गला दबाने की कोशिश की। यश ने अगस्त में 85 हजार रुपये की एप्पल घड़ी खरीदी थी, जिसे माना जा रहा है कि गिरोह ने अपने लिए मंगवाया था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने यश के घर जाकर परिवार से मुलाकात की और कहा कि ऑनलाइन गेमिंग ने परिवार को बर्बाद कर दिया है।
पुलिस की जागरूकता मुहिम
मोहनलालगंज पुलिस ने साइबर क्राइम और ऑनलाइन गेमिंग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बच्चों के साथ संवाद किया। एसीपी रजनीश वर्मा के नेतृत्व में टीम ने मऊ गांव में बच्चों और अभिभावकों को ऑनलाइन गेमिंग के खतरों के बारे में बताया। चौकी प्रभारी अतुल सिंह ने कहा कि बच्चों को अनावश्यक मोबाइल फोन नहीं देने चाहिए।
यश की दुखद कहानी
यश, जो मोहनलालगंज के धनुवासाड़ गांव का निवासी था, कक्षा छह का छात्र था। उसने अपने पिता के खेत बेचकर जमा किए गए 14 लाख रुपये ऑनलाइन गेम में हार दिए। जब उसके पिता को बैंक में पैसे गायब होने की जानकारी मिली, तो यश ने डर के मारे आत्महत्या कर ली। यश ने आत्महत्या से एक दिन पहले 51 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे।
संदिग्ध युवक और ऑनलाइन गेमिंग का प्रभाव
यश की बहन गुनगुन ने बताया कि यश अक्सर अकेले में फोन पर बात करता था। उसके दोस्तों ने बताया कि एक युवक ने यश को गेम में पैसे लगाने पर करोड़ों रुपये कमाने का लालच दिया था। सुरेश ने पुलिस से कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच करने का अनुरोध किया है। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि जांच के लिए यश का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है।
फ्री फायर गेम का परिचय
फ्री फायर एक बैटल रॉयल शैली का गेम है, जिसमें खिलाड़ी दूसरों से लड़ते हैं और हथियारों की खोज करते हैं। बच्चे इस गेम में पसंदीदा चीजें खरीदने के लिए पैसे खर्च करते हैं, जिससे वे लाखों रुपये गंवा देते हैं। 2022 में सरकार ने डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा के कारण इस गेम पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यह अभी भी उपलब्ध है।