यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, खतरे के निशान को पार किया

यमुना नदी का जलस्तर बुधवार रात को 205.35 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान को पार कर गया है। केंद्रीय जल आयोग ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है और अधिकारियों को नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है। जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से पानी का छोड़ा जाना है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, खतरे के निशान को पार किया

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की जानकारी

बुधवार रात आठ बजे यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 205.35 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि नदी का जल स्तर सुबह से लगातार बढ़ रहा है और यह दूसरे दिन भी चेतावनी के निशान 204.50 मीटर से ऊपर बना रहा।


बाढ़ की चेतावनी और निगरानी

केंद्रीय जल आयोग ने मंगलवार शाम को बाढ़ की चेतावनी जारी की थी, जिसमें अनुमान लगाया गया था कि जलस्तर बुधवार शाम तक खतरे के निशान को पार कर जाएगा। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है, जैसे कि नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना।


जलस्तर की स्थिति

बुधवार सुबह नौ बजे यमुना का जलस्तर 204.61 मीटर था। जब जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तब लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक महत्वपूर्ण अवलोकन बिंदु है।


जलस्तर में वृद्धि का कारण

केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे भारी मात्रा में पानी का छोड़ा जाना है। जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।


पानी का प्रवाह

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, वजीराबाद से हर घंटे लगभग 41,206 क्यूसेक और हथिनीकुंड बैराज से लगभग 55,830 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं। हालांकि ऊपरी इलाकों से कम पानी छोड़े जाने के बावजूद यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।