म्यांमार में ठगी का शिकार हुआ झुंझुनूं का युवक, खौफनाक अनुभव साझा किया

झुंझुनूं के 27 वर्षीय अविनाश ने म्यांमार में ठगी के दौरान अपने भयावह अनुभवों को साझा किया है। उन्हें नैंसी के नाम से बुलाकर अमेरिकी नागरिकों से ठगने के लिए मजबूर किया गया। अविनाश ने बताया कि यदि वह अपना टारगेट पूरा नहीं करते थे, तो उन्हें करंट से दंडित किया जाता था। भारत सरकार के विशेष ऑपरेशन के तहत लगभग 500 भारतीय युवाओं को म्यांमार से बचाया गया, जिसमें अविनाश भी शामिल था। जानें पूरी कहानी में क्या हुआ।
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म्यांमार में ठगी का शिकार हुआ झुंझुनूं का युवक, खौफनाक अनुभव साझा किया

अविनाश का दर्दनाक अनुभव

म्यांमार में ठगी का शिकार हुआ झुंझुनूं का युवक, खौफनाक अनुभव साझा किया


झुंझुनूं के 27 वर्षीय अविनाश ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उसे म्यांमार में नैंसी के नाम से बुलाया जाता था। वहां उसे अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने का काम सौंपा गया था। यदि वह अपना टारगेट पूरा नहीं करता था, तो उसे बंद कमरे में करंट से दंडित किया जाता था।


अविनाश ने बताया कि वह नौकरी की तलाश में म्यांमार गया था, जहां एक एजेंट ने उसे थाईलैंड में नौकरी का लालच दिया। नौकरी के लिए वह अपनी पुरानी नौकरी छोड़कर विदेश जाने के लिए तैयार हो गया।


उसे पहले थाईलैंड ले जाया गया और फिर जंगलों के रास्ते म्यांमार पहुंचाया गया। वहां पहुंचते ही उसका पासपोर्ट छीन लिया गया और उसे एक बड़े परिसर में बंद कर दिया गया, जहां चारों ओर हथियारबंद गार्ड थे।


फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल

सुंदर लड़कियों की तस्वीरों से ठगी


अविनाश ने बताया कि उन्हें अमेरिकी नागरिकों को ठगने के लिए सुंदर लड़कियों की तस्वीरों वाले फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए कहा जाता था। कभी नैंसी तो कभी नताशा के नाम से ये अकाउंट बनाए जाते थे। इनसे बुजुर्ग अमेरिकियों का भरोसा जीतकर उनकी निजी जानकारी और बैंक डिटेल्स हासिल की जाती थीं।


सजा का खौफ

टार्गेट पूरा न करने पर सजा


अविनाश ने बताया कि यदि कोई टार्गेट पूरा नहीं करता था, तो उसे कठोर सजा दी जाती थी। कभी-कभी उन्हें 7-8 घंटे तक हाथों में बोतल पकड़कर खड़ा रखा जाता था। खाने के लिए भी उन्हें बहुत कम दिया जाता था।


म्यांमार में ठगी का शिकार हुआ झुंझुनूं का युवक, खौफनाक अनुभव साझा किया


बचाव अभियान

भारत सरकार का रेस्क्यू ऑपरेशन


अविनाश अकेला नहीं था, बल्कि लगभग 500 भारतीय युवाओं को थाईलैंड-म्यांमार से भारत सरकार के विशेष ऑपरेशन के तहत बचाया गया। राजस्थान के करीब 20 युवा इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थे, जिनमें से 17 को जयपुर वापस लाया जा चुका है। कुछ युवाओं से इंटेलिजेंस एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।