मौलाना मदनी ने आरएसएस के साथ बातचीत का समर्थन किया
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मुस्लिम समुदाय और आरएसएस के बीच संवाद को बढ़ावा देने की बात की है। उन्होंने मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा कि मतभेदों को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। मदनी ने राजनीतिक विमर्श में गिरावट की भी आलोचना की और नागरिक समाज की सराहना की। इस बातचीत के पीछे का उद्देश्य सामंजस्य और समझ को बढ़ावा देना है।
Sep 5, 2025, 17:33 IST
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मौलाना महमूद मदनी का बयान
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच संवाद को प्रोत्साहित किया। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके संगठन ने पहले ही बातचीत के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। मदनी ने यह भी कहा कि भले ही मतभेद मौजूद हैं, लेकिन उन्हें कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
मदनी ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके संगठन ने बातचीत के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने कहा, "हम सभी प्रकार की बातचीत का समर्थन करेंगे।" हाल ही में, भागवत ने ज्ञानवापी और मथुरा-काशी पर अपने विचार व्यक्त किए थे, जिनकी प्रशंसा की जानी चाहिए।
आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा था कि राम मंदिर संघ द्वारा आधिकारिक रूप से समर्थित एकमात्र आंदोलन है, जबकि काशी और मथुरा आंदोलनों की वकालत करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने भारत में इस्लाम की स्थायी उपस्थिति पर जोर दिया और जनसंख्यात्मक संतुलन के लिए प्रत्येक भारतीय से तीन बच्चे पैदा करने का आग्रह किया।
मदनी ने राजनीतिक विमर्श में गिरावट की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेता अनुचित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की साजिश को नाकाम करने के लिए नागरिक समाज की सराहना की।