मोहम्‍मद सिराज की शानदार प्रदर्शन से BCCI ने वर्कलोड प्रबंधन नीति पर पुनर्विचार किया

मोहम्मद सिराज के इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में उत्कृष्ट प्रदर्शन ने BCCI को खिलाड़ियों की वर्कलोड प्रबंधन नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है। सिराज ने 23 विकेट लेकर श्रृंखला में सबसे अधिक विकेट हासिल किए, जिससे चयन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता महसूस हुई। BCCI अब खिलाड़ियों की उपलब्धता को लेकर एक नई दिशा में आगे बढ़ने की योजना बना रहा है, जिससे वर्कलोड प्रबंधन के नाम पर खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता आएगी। इस बदलाव के पीछे सुनील गावस्कर की आलोचना भी एक महत्वपूर्ण कारण है।
 | 
मोहम्‍मद सिराज की शानदार प्रदर्शन से BCCI ने वर्कलोड प्रबंधन नीति पर पुनर्विचार किया

सिराज का प्रभाव और BCCI की नई दिशा

मोहम्‍मद सिराज की इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में बेहतरीन प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को खिलाड़ियों की उपलब्धता और वर्कलोड प्रबंधन पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित किया है।


एक रिपोर्ट के अनुसार, सिराज ने पांच टेस्ट मैचों में 185.3 ओवर फेंके और 23 विकेट लेकर श्रृंखला में सबसे अधिक विकेट हासिल किए। इस प्रदर्शन ने मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर को खिलाड़ियों की निरंतरता की आवश्यकता पर जोर देने के लिए प्रेरित किया है।


BCCI के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, यह जोड़ी मानक चयन मानदंडों का समर्थन कर रही है, जिससे खिलाड़ियों के चयन में बदलाव आएगा और वर्कलोड प्रबंधन के नाम पर श्रृंखलाओं से बाहर रहने की प्रथा समाप्त होगी।


एक वरिष्ठ BCCI अधिकारी ने बताया कि, "सेंट्रली कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ियों को यह संदेश दिया जाएगा कि खेलों का चयन करने की यह संस्कृति अब स्वीकार्य नहीं होगी।"


हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्कलोड प्रबंधन को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, लेकिन भविष्य में एक अधिक उद्देश्यपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।


रिपोर्ट में कहा गया है कि एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के बाद आंतरिक चर्चाएं हो चुकी हैं और सभी सेंट्रली कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ियों को एक औपचारिक पत्र भेजा जाएगा।


इस बदलाव का कारण सुनील गावस्कर की आलोचना भी है, जिन्होंने वर्कलोड प्रबंधन पर निरंतर बहस को लेकर असंतोष व्यक्त किया।


जसप्रीत बुमराह की सीमित भूमिका ने भी BCCI के भीतर सवाल उठाए हैं, क्योंकि उन्हें इंग्लैंड श्रृंखला में दो मैचों के लिए आराम दिया गया था।


BCCI अब खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता की अपेक्षाओं को फिर से परिभाषित करने की योजना बना रहा है, जिससे चयन नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है।