मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड: जानें पुरस्कार की विशेषताएँ

मलयालम सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए दिया जाता है। जानें इस पुरस्कार की विशेषताएँ, जिसमें 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि और राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाना शामिल है। मोहनलाल के चार दशकों के करियर और उनकी पहली फिल्म के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।
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मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड: जानें पुरस्कार की विशेषताएँ

मोहनलाल को मिला दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड

मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड: जानें पुरस्कार की विशेषताएँ

मोहनलाल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड


Dadasaheb Phalke Award: मलयालम सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 20 सितंबर को इस बात की घोषणा की। उनके प्रशंसक उन्हें बधाई दे रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। यह पुरस्कार 23 सितंबर को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।


दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण सम्मान है, जो किसी व्यक्ति के भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। यह भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। इस पुरस्कार के साथ विजेता को नकद पुरस्कार भी दिया जाता है।


15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि


यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। समारोह के दौरान विजेता को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया जाता है और फिर पुरस्कार दिया जाता है। इसके साथ विजेता को 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी मिलती है, जो कि 2022 से पहले 10 लाख रुपये थी। इसके अलावा, एक प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।


दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत 1969 में हुई थी, जब देविका रानी ने इसे जीता था। इसके बाद कई प्रसिद्ध हस्तियों जैसे सत्यजीत रे, राज कपूर, लता मंगेशकर, यश चोपड़ा और देव आनंद ने भी यह पुरस्कार प्राप्त किया। अब मोहनलाल भी इस पुरस्कार के विजेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं।


फिल्म इंडस्ट्री में चार दशकों का अनुभव


मोहनलाल चार दशकों से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में ही फिल्म निर्माण शुरू किया था, जब उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 'Thiranottam' नामक एक फिल्म बनाई थी। हालांकि, सेंसरशिप के कारण यह फिल्म उस समय रिलीज नहीं हो पाई, लेकिन 25 साल बाद इसे रिलीज किया गया।


मोहनलाल की पहली रिलीज 'Manjil Virinja Pookkal' थी, जो 1980 में आई थी। इस फिल्म का निर्देशन फाजिल ने किया था और इसमें मोहनलाल को काफी सराहा गया। अपने करियर की शुरुआत के बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और मलयालम के साथ-साथ तेलुगु, तमिल और हिंदी फिल्मों में भी काम किया है।