मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर मोदी की बधाई और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई दी, उन्हें सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक बताया। वहीं, कांग्रेस ने मोदी के लेख पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह आरएसएस नेतृत्व को खुश करने के लिए बेताब हैं। जयराम रमेश ने मोदी की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी के सत्याग्रह का जिक्र न करने पर भी सवाल उठाया। जानें इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।
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मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर मोदी की बधाई और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

मोदी ने भागवत को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई दी। उन्होंने भागवत को एक ऐसा नेता बताया, जिसने अपने जीवन को "सामाजिक परिवर्तन और सद्भावना" को बढ़ावा देने में समर्पित किया है। प्रधानमंत्री ने एक संदेश में कहा कि भागवत वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत का प्रतीक हैं, जो दर्शाता है कि पूरी दुनिया एक परिवार है। उन्होंने भागवत के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की। मोदी ने भागवत की यात्रा पर एक लेख भी लिखा, जिसमें उनके प्रारंभिक कार्यों और संगठनात्मक जिम्मेदारियों का उल्लेख किया गया है।


कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने भागवत के जन्मदिन पर मोदी द्वारा लिखे गए लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आरएसएस नेतृत्व को खुश करने के लिए 'बेताब' हैं। जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि मोदी ने भागवत के 75वें जन्मदिन पर एक अतिशयोक्तिपूर्ण संदेश लिखा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था। रमेश ने यह भी कहा कि हैरानी की बात है कि मोदी ने महात्मा गांधी द्वारा 11 सितंबर 1906 को सत्याग्रह के आह्वान का जिक्र नहीं किया।


रमेश की तीखी टिप्पणी

रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से सत्याग्रह की उत्पत्ति को याद रखने की उम्मीद करना बहुत ज्यादा है, क्योंकि सत्य शब्द उनके लिए अपरिचित है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी अपने प्रवचनों को इस तरह प्रस्तुत करते हैं जैसे वह स्वयं भगवान से हों।