मोहन भागवत का बयान: राजनीति में संघ का समर्थन नहीं, केवल नीतियों का
संघ का राजनीतिक दृष्टिकोण
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
बेंगलुरु में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के राजनीतिक समर्थन और विचारों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ नीतियों का समर्थन करता है, न कि किसी विशेष व्यक्ति या पार्टी का। उदाहरण देते हुए उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन और राम मंदिर का उल्लेख किया, यह बताते हुए कि संघ राष्ट्रनीति का समर्थन करता है, राजनीति का नहीं।
भागवत ने कहा कि संघ राजनीति में विश्वास नहीं करता क्योंकि यह समाज को विभाजित करता है, जबकि संघ एकता को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस राम मंदिर आंदोलन को आगे बढ़ाती, तो संघ उनका भी समर्थन करता। संघ का ध्यान राष्ट्रनीति पर है, न कि राजनीतिक दलों पर।
VIDEO | Bengaluru: We support policies, not people or parties. We supported the BJP because they wanted to build the Ram Temple. If Congress had wanted to build it, we would have supported them too, says RSS chief Mohan Bhagwat.
(Source: Third Party)
(Full video available on pic.twitter.com/75JqNAAz7u
— Press Trust of India (@PTI_News) November 9, 2025
राजनीतिक दलों की संघ के प्रति अनदेखी
राजनीतिक दल संघ को स्वीकार नहीं करते
मोहन भागवत ने कहा कि संघ का सिद्धांत 'सबका साथ, सबका विकास' है। उन्होंने बताया कि संघ के स्वयंसेवक इस नारे की आवश्यकता को महसूस कर रहे हैं। भागवत ने यह भी कहा कि राजनीतिक दल संघ को स्वीकार नहीं करते हैं, और केवल बीजेपी ही संघ के लिए अपने दरवाजे खोलती है।
हिंदू समाज की एकता का लक्ष्य
हिंदू समाज को एकजुट करना है
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उनका उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को एकजुट करना और संगठित करना है, ताकि वे एक समृद्ध और मजबूत भारत का निर्माण कर सकें। उनका मानना है कि यह कार्य पूरे समाज और राष्ट्र द्वारा किया जाना चाहिए। भागवत ने कहा कि उनका एकमात्र विजन एक संगठित और मजबूत हिंदू समाज का निर्माण करना है।
