मोहन भागवत का बयान: भारत ने कभी आक्रमण नहीं किया

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि प्राचीन भारत के लोग संस्कृति और विज्ञान का प्रचार करने के लिए विश्वभर में यात्रा करते थे। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया और न ही धर्मांतरण के प्रयास किए। भागवत के अनुसार, हमारे पूर्वजों ने सद्भावना और एकता का संदेश फैलाया। जानें उनके विचार और भारत की सांस्कृतिक विरासत के बारे में।
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मोहन भागवत का बयान: भारत ने कभी आक्रमण नहीं किया

आरएसएस प्रमुख का ऐतिहासिक दृष्टिकोण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि प्राचीन भारत के लोग संस्कृति और विज्ञान का प्रचार करने के लिए विश्वभर में यात्रा करते थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया और न ही धर्मांतरण के प्रयास किए। यह बयान उन्होंने ‘आर्य युग विषय कोश’ के उद्घाटन के अवसर पर दिया।


भागवत ने उल्लेख किया कि कई आक्रमणकारियों ने भारत को लूटा और भारतीयों को दास बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पूर्वज मेक्सिको से लेकर साइबेरिया तक गए और उन्होंने दुनिया को विज्ञान और संस्कृति का ज्ञान दिया। उन्होंने किसी का धर्मांतरण नहीं किया और न ही आक्रमण किया। हम सद्भावना और एकता का संदेश लेकर गए थे।’’


उन्होंने आगे कहा, ‘‘कई आक्रमणकारी आए और हमें लूटा, दास बनाया। आखिरी आक्रमणकारियों ने हमारे मस्तिष्क को लूटा। हम अपनी ताकत को भूल गए और यह भी भूल गए कि हम दुनिया के साथ क्या साझा कर सकते हैं।’’ भागवत ने यह भी कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान आज भी जीवित है और आर्यवर्त के वंशज के रूप में हमारे पास विज्ञान, अस्त्र-शस्त्र, शक्ति, सामर्थ्य, आस्था और ज्ञान है।