मोरारी बापू की 8000 किलोमीटर की राम मानस यात्रा: चित्रकूट से श्रीलंका और फिर अयोध्या
मोरारी बापू की राम मानस यात्रा
मोरारी बापू की राम मानस यात्रा.
प्रसिद्ध कथा वाचक और आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू 8000 किलोमीटर की राम मानस यात्रा पर निकले हैं, जो 11 दिनों तक चलेगी। यह यात्रा 25 अक्टूबर को चित्रकूट से विशेष ट्रेन द्वारा शुरू हुई, जो भगवान राम के वनवास के मार्ग पर चल रही है। ट्रेन रामेश्वरम पहुंचने के बाद, यात्री विशेष विमान से श्रीलंका जाएंगे और फिर 4 नवंबर को अयोध्या लौटेंगे।
इस यात्रा के दौरान, मोरारी बापू प्रतिदिन रामकथा का आयोजन कर रहे हैं। रामेश्वरम में यह यात्रा राम वनवास गमन पथ की कथा का सातवां पड़ाव है, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और राम कथा सुनाई।
भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित किया था और विजय के लिए रामेश्वर महादेव की पूजा की थी।
इसी स्थान से, राम और उनकी वानर सेना ने लंका पहुंचने के लिए रामसेतु का निर्माण आरंभ किया था। मोरारी बापू रामेश्वरम से श्रीलंका के लिए विशेष विमान में यात्रा करेंगे और कोलंबो में कथा वाचन करेंगे।
चित्रकूट से यात्रा की शुरुआत
राम मानस यात्रा की शुरुआत 25 अक्टूबर को चित्रकूट में मंदाकिनी के तट पर हुई। यह यात्रा अगस्त्य मुनि आश्रम, नासिक के पंचवटी और कर्नाटक के प्रवर्षण पर्वत से होते हुए रामेश्वरम पहुंच चुकी है। मोरारी बापू ने इनमें से कई स्थानों पर पहले भी कथा वाचन किया है।
यात्रा में शामिल 411 श्रद्धालु
इस विशेष ट्रेन में 411 यात्री मोरारी बापू के साथ यात्रा कर रहे हैं। सभी यात्री श्रीलंका जाएंगे और फिर 4 नवंबर को अयोध्या लौटेंगे। यह मोरारी बापू की दूसरी यात्रा है।

इससे पहले, जुलाई-अगस्त 2023 में मोरारी बापू ने द्वादश ज्योतिर्लिंग की यात्रा की थी, जिसमें उन्होंने ज्योतिर्लिंगों पर कथा सुनाई थी।
ट्रेन के कोचों के नाम राम वन गमन स्थलों पर
मानस राम यात्रा के लिए भारत गौरव ट्रेन को विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसमें विभिन्न श्रेणियों के कोच हैं, जिनमें से प्रत्येक का नाम राम वन गमन स्थलों के नाम पर रखा गया है।
हर कोच पर वाल्मीकि आश्रम, ऋष्यमूक पर्वत, प्रवर्षण पर्वत, अयोध्या, लंका जैसे नामों के साथ चित्र और रामकथा प्रसंग की तस्वीरें लगी हुई हैं। इससे पूरी ट्रेन राममय नजर आती है।
आयोजन समिति के अनुसार, इस राम मानस यात्रा का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और श्रीराम के जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाना है। यात्रा में शामिल एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि यह यात्रा श्री राम की तपोस्थली से शुरू हुई है और उन्हें इस यात्रा में शामिल होने का सौभाग्य मिला है।
