मोबाइल पर कॉलर का नाम दिखाने की नई सुविधा, स्पैम कॉल्स पर लगेगी रोक

कॉलिंग नाम प्रेजेंटेशन (CNAP) फीचर के तहत अब मोबाइल पर कॉल करने वाले का नाम दिखाई देगा, जिससे स्पैम और फर्जी कॉल्स से बचना आसान होगा। दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को इस सुविधा को जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम धोखाधड़ी और साइबर अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है। जानें इस नई सेवा के बारे में और कैसे यह आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
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मोबाइल पर कॉलर का नाम दिखाने की नई सुविधा, स्पैम कॉल्स पर लगेगी रोक

कॉलिंग नाम प्रेजेंटेशन फीचर का आगाज़

मोबाइल पर कॉलर का नाम दिखाने की नई सुविधा, स्पैम कॉल्स पर लगेगी रोक

कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) फीचर जल्द लागू होगा

Calling Name Presentation: अब स्पैम और फर्जी कॉल्स से बचना आसान होने वाला है। जल्द ही जब भी आपके मोबाइल पर कोई कॉल आएगी, तो नंबर के साथ कॉल करने वाले का नाम भी दिखाई देगा। दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे एक सप्ताह के भीतर किसी एक सर्किल में इस सुविधा को शुरू करें। यदि यह सेवा सफल होती है, तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा, जिससे धोखाधड़ी और साइबर ठगी जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा। DoT और TRAI का यह नया कदम स्पैम कॉल्स पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है। इसका मतलब है कि अब कॉल रिसीव करने से पहले ही यूजर को पता चल जाएगा कि कौन कॉल कर रहा है, जिससे फर्जीवाड़े के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। चलिए टेलीकॉम विशेषज्ञ गजेंद्र उपाध्याय से समझते हैं कि सरकार यह नियम क्यों ला रही है और स्पैम कॉल आने पर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।


कॉलर का नाम कैसे दिखेगा?

यह नाम वही होगा जो यूजर ने मोबाइल नंबर कनेक्शन लेते समय आईडी प्रूफ में दिया होगा। यह एक डिफॉल्ट सुविधा होगी। यदि कोई यूजर इसे नहीं चाहता, तो वह इसे डिएक्टिवेट भी करवा सकता है। इस सर्विस के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले साल मुंबई और हरियाणा सर्किल में ट्रायल किया था।


कॉलर नाम दिखाने की प्रक्रिया

TRAI ने फरवरी 2024 में ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNAP) नाम की इस सर्विस के लिए DOT को जो सिफारिश भेजी थी, उसमें कहा गया था कि यह सर्विस तभी शुरू हो जब कॉल रिसीव करने वाला उपभोक्ता खुद इसके लिए रिक्वेस्ट करें। इसके बाद मंत्रालय ने बदलाव किया और कहा कि यह सर्विस डिफॉल्ट रूप से मिलनी चाहिए। यदि किसी उपभोक्ता को यह सर्विस नहीं चाहिए, तो वह इसे बंद करवा सकता है। ट्राई ने मंत्रालय के इस विचार को मान लिया है और अब दोनों विभाग एकमत हैं।


धोखाधड़ी कॉल्स को रोकने के लिए कदम

यह कदम देशभर में धोखाधड़ी वाली कॉल्स और साइबर अपराधों जैसे डिजिटल अरेस्ट और वित्तीय घोटालों को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे उपभोक्ता को पता होगा कि उसे कौन कॉल कर रहा है, जिससे वह फर्जी कॉल्स को पहचानने में सक्षम होगा।


किसे मिलेगी छूट?

  • जिन उपभोक्ताओं ने कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन रिस्ट्रिक्शन (CLIR) की सुविधा ले रखी है, उनका नाम कॉल आने पर नहीं दिखेगा।
  • यह सुविधा सामान्य उपभोक्ताओं, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दी जाती है।
  • फोन कंपनियां CLIR लेने वाले सामान्य ग्राहकों की पूरी जांच करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि जरूरत पड़ने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसका एक्सेस मिल सके।
  • बल्क कनेक्शन, कॉल सेंटर और टेली मार्केटर इस सुविधा का फायदा नहीं ले सकते।


स्पैम कॉल और मैसेज के बारे में जानें

स्पैम कॉल या मैसेज क्या होते हैं?

स्पैम कॉल या मैसेज किसी अनजान नंबर से लोगों को किए जाने वाले कॉल या मैसेज होते हैं। इनमें लोगों को लोन लेने, क्रेडिट कार्ड लेने, लॉटरी लगने, किसी कंपनी की कोई सर्विस या सामान खरीदने का झांसा दिया जाता है। ये सभी कॉल या मैसेज आपकी अनुमति के बिना की जाती हैं।

किन लोगों को स्पैम कॉल ज्यादा आ सकते हैं?

आमतौर पर स्पैम कॉल उन लोगों को ज्यादा आते हैं, जो स्पैम कॉल उठाते हैं और उसका जवाब देते हैं। स्पैम कॉल का जवाब देने से आपका नंबर कंपनी के पास उन नंबरों की लिस्ट में जुड़ सकता है, जो उनका फोन आम तौर पर उठाते हैं। इसलिए आप जितना कम स्पैम के जाल में फंसेंगे, आपको उतनी ही कम स्पैम कॉल आएंगी।

इन कंपनियों के पास आपका मोबाइल नंबर आता कहां से है?

ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि मैंने इस कंपनी की कोई सर्विस नहीं ली तो कंपनी के पास मेरा मोबाइल नंबर आखिर कहां से पहुंचा। दरअसल, यूजर ही अपने मोबाइल नंबर जाने-अनजाने में इन कंपनियों तक पहुंचाते हैं। कुछ कंपनियां थर्ड पार्टी को आपका मोबाइल नंबर या ईमेल ID, उम्र या आपके शौक जैसा आपका पर्सनल डेटा बेचती हैं। जब आप किसी सर्विस के लिए साइन अप करते हैं तो कुछ कंपनियां अपनी टर्म्स एंड कंडीशन में इस बात का जिक्र करती हैं कि वे आपके डेटा का इस्तेमाल एडवर्टाइजमेंट के लिए या थर्ड पार्टी के साथ शेयर करने के लिए कर सकती हैं।

  • जब भी हम कोई सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं तो वहां अपना नंबर रजिस्टर करते हैं।
  • जब हम प्ले स्टोर से कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो उसे अपने फोन नंबर समेत अपने पूरे फोन को एक्सेस करने की परमिशन देते हैं।
  • किसी मॉल या शॉपिंग वेबसाइट से खरीदारी करते समय अपना मोबाइल नंबर दर्ज करते हैं।
  • अपना फोन नंबर इंटरनेट पर किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वेबसाइटों पर बिना जांचे-परखे डाल देते हैं।

यहीं से ये कंपनियां आपके नंबर को दूसरी कंपनियों को बेच देती हैं। जिसके बाद एडवर्टाइजमेंट कंपनियां आपको कॉल या मैसेज भेजने लगती हैं।

स्पैम कॉल आने पर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

  • स्पैम कॉल को पहचानना आसान नहीं है क्योंकि ये नंबर सामान्य मोबाइल नंबर से मिलते-जुलते होते हैं। इसलिए अगर गलती से आप ने स्पैम कॉल को उठा लिया है तो कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे कि-
    • अगर आपके पास कोई ऐसा फोन आता है, जिसमें कॉल करने वाला खुद या AI रिकॉर्डिंग के जरिए कोई नंबर दबाने के लिए कहे तो तुरंत फोन काट दें।
    • फोन कॉल में पूछे जा रहे किसी भी सवाल का जवाब न दें। खासकर उन सवालों का, जिसका जवाब “हां” या ना में दिया जा सकता है।
    • अगर किसी अनजान कॉल को लेकर आपको कोई संदेह हो तो कभी भी पर्सनल जानकारी जैसे खाता नंबर, हॉबी, उम्र या पहचान से जुड़ी कोई जानकारी न दें।
    • आपके पास कोई ऐसी कॉल आती है, जिसमें कॉलर द्वारा बैंक या किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी होने का दावा करके आपसे पर्सनल डिटेल मांगी जा रही है तो तुरंत फोन काट दें।
    • सत्यापन के लिए बैंक या सरकारी एजेंसी की वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबर पर कॉल करें।
    • अगर फोन कॉल पर आपसे कोई पर्सनल जानकारी तुरंत देने के लिए दबाव डाला जा रहा है तो सावधानी बरतें।