मोदी का दुर्गापुर दौरा: 5000 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दुर्गापुर दौरा आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। वे 5000 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इस यात्रा के दौरान, मोदी ने टीएमसी के कुशासन पर भी टिप्पणी की है। जानें इस यात्रा का राजनीतिक महत्व और ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया।
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मोदी का दुर्गापुर दौरा: 5000 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी का दुर्गापुर दौरा

जैसे ही दिन की शुरुआत होगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुर्गापुर में उपस्थित होंगे। आगामी 2026 के चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में भाजपा को मजबूत करने के लिए उनके दौरे को लेकर स्थानीय स्तर पर हलचल तेज हो गई है। मोदी एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें भाजपा के नेता और कार्यकर्ता सुबह से ही सभा स्थल पर एकत्रित हो रहे हैं। भाजपा को उम्मीद है कि इस सभा में रिकॉर्ड संख्या में लोग शामिल होंगे।


रैली और परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की यात्रा के दौरान दुर्गापुर में भाजपा की रैली को संबोधित करेंगे और बुनियादी ढांचे से संबंधित 5000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। यह यात्रा उस समय हो रही है जब राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों के कथित उत्पीड़न के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है। इस महीने की शुरुआत में समिक भट्टाचार्य को भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, और यह मोदी का राज्य का पहला दौरा होगा।


मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार रात को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि पश्चिम बंगाल टीएमसी के कुशासन से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि जनता भाजपा की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है और उन्हें विश्वास है कि केवल भाजपा ही विकास कर सकती है। उन्होंने लिखा, "कल, 18 जुलाई को, दुर्गापुर में बंगाल भाजपा की रैली को संबोधित करूंगा।"


राजनीतिक पृष्ठभूमि

पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए प्रधानमंत्री की यह यात्रा भाजपा के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 21 जुलाई को वार्षिक शहीद दिवस रैली में भाग लेंगी, जो मोदी की यात्रा से कुछ दिन पहले हो रही है। रैली के दौरान ममता अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी।


बांग्ला भाषी प्रवासियों का मुद्दा

प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले असम, ओडिशा, दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को हिरासत में लेने और भाषाई आधार पर उनकी पहचान करने के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन और तीखी राजनीतिक बयानबाजी देखी जा रही है। ममता बनर्जी ने बंगालियों को नियमित रूप से निशाना बनाते हुए उन पर अवैध बांग्लादेशी होने के आरोपों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।