मोकामा में जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या: पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा
मोकामा में हत्या की सच्चाई
बिहार के मोकामा में जन सुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। हाल ही में आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि उनकी मौत फेफड़े के फटने और सीने की कई पसलियों के टूटने के कारण हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद यादव की गंभीर चोटें इतनी थीं कि इससे आंतरिक रक्तस्राव हुआ, जिससे उनकी जान चली गई। उनके सीने पर जोरदार प्रहार या भारी दबाव पड़ा, जिसके कारण पसलियां टूट गईं और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा।
पोस्टमार्टम में यह भी पाया गया कि उनके शरीर पर कई गहरे घाव और खून जमने के निशान थे। फेफड़े फटे हुए थे, जिससे अत्यधिक आंतरिक रक्तस्राव हुआ। छाती की कई पसलियां, विशेषकर दाहिनी ओर, टूटी हुई पाई गईं। रीढ़ की हड्डी के पास भी चोटों के निशान मिले।
दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने पहले उनके पैर में गोली मारी और फिर उन पर गाड़ी चढ़ा दी। यह घटना चुनावी रंजिश से जुड़ी बताई जा रही है। दुलारचंद यादव पहले मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके थे।
घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। मृतक के पोते ने जेडीयू के प्रत्याशी अनंत सिंह पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया, जबकि अनंत सिंह ने दूसरे प्रत्याशी सूरजभान सिंह के गुट को जिम्मेदार ठहराया।
दुलारचंद यादव की शव यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद एफआईआर पंडारक थाने में दर्ज की गई। आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी के समर्थकों ने शिकायत की कि शव यात्रा के दौरान उनके काफिले पर हमला किया गया।
जब दुलारचंद यादव की शव यात्रा गांव से निकल रही थी, तब पंडारक बाजार के पास माहौल बिगड़ गया। भीड़ में पत्थरबाज़ी और गाड़ियों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इस दौरान वीणा देवी के समर्थकों का काफिला निशाना बना।
मोकामा हत्याकांड के संबंध में तीन एफआईआर भदौर थाने में दर्ज की जा चुकी हैं। पहली एफआईआर में दुलारचंद यादव के पोते ने अनंत सिंह और उनके सहयोगियों को नामजद किया। दूसरी एफआईआर अनंत सिंह के समर्थक ने दर्ज कराई, जिसमें जन सुराज के प्रत्याशी और अन्य को आरोपी बनाया गया। तीसरी एफआईआर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की।
