मॉरीशस के प्रधानमंत्री का भारत दौरा: आर्थिक सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों की नई दिशा

मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. रविंद्र चंद्रन रामगूलाम और उनकी पत्नी का भारत दौरा महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर है। इस दौरे में भारत ने मॉरीशस को एक विशेष आर्थिक पैकेज की पेशकश की है, जिसमें कई विकासात्मक पहल शामिल हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई है। यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच सहयोग को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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मॉरीशस के प्रधानमंत्री का भारत दौरा: आर्थिक सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों की नई दिशा

मॉरीशस के प्रधानमंत्री का भारत दौरा

मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. रविंद्र चंद्रन रामगूलाम और उनकी पत्नी वीना रामगूलाम भारत के आठ दिवसीय दौरे पर हैं। यह उनके वर्तमान कार्यकाल में भारत का पहला द्विपक्षीय दौरा है।


प्रधानमंत्री ने पहले मई 2014 में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था।


भारत और मॉरीशस के बीच 1948 से एक मजबूत साझेदारी रही है, जो मॉरीशस की स्वतंत्रता से पहले की है। समय के साथ, यह संबंध व्यापार, निवेश, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में गहराई तक विकसित हुआ है।


हाल के वर्षों में, भारत मॉरीशस के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक बन गया है।


दौरे के प्रमुख परिणाम

नविनचंद्र रामगूलाम के दौरे पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 'पड़ोस पहले' नीति के संदर्भ में बात की। उन्होंने कहा कि मॉरीशस वैश्विक दक्षिण के प्रति प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।



इस दौरे का एक प्रमुख परिणाम यह है कि भारत ने मॉरीशस को एक विशेष आर्थिक पैकेज देने का निर्णय लिया है। इसमें पोर्ट लुईस के विकास, चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र की निगरानी के लिए सहायता, अनुदान के रूप में मिश्रित वित्तीय सहायता और प्रमुख परियोजनाओं के लिए क्रेडिट लाइन शामिल है।


दोनों देशों के बीच सहयोग

मिस्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच नई परिवर्तनों की सामान्य समझ है, और सहयोग को और मजबूत करने के लिए दोनों साझेदार एक उच्च स्तर तक पहुंचने के लिए काम कर रहे हैं।



उन्होंने यह भी बताया कि पीएम मोदी ने हमेशा दिल्ली से बाहर की कूटनीति के महत्व पर जोर दिया है, और यह कि विदेश नीति केवल दिल्ली या किसी विशेष शहर के लिए नहीं है, बल्कि यह देश की विदेश नीति है।


भारत और मॉरीशस के व्यापारिक संबंध

पिछले पांच वर्षों में, भारत मॉरीशस के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है। 2024 में, भारत ने मॉरीशस के कुल आयात का 11% हिस्सा लिया, जो इसके शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में तीसरे स्थान पर है।


भारतीय निर्यात में वर्षों के दौरान उतार-चढ़ाव आया है, जिसमें 2019 में 776 मिलियन डॉलर, 2020 में 405 मिलियन डॉलर, 2021 में 808 मिलियन डॉलर, 2022 में 632 मिलियन डॉलर, 2023 में 646 मिलियन डॉलर, और 2024 में 766 मिलियन डॉलर शामिल हैं। प्रमुख निर्यात में फार्मास्यूटिकल्स, कपास, अनाज, मोटर वाहन और खनिज ईंधन शामिल हैं।