मैगी के शाकाहारी होने का सच: क्या है असली सामग्री?

क्या आप जानते हैं कि नेस्ले की मैगी वास्तव में शाकाहारी नहीं है? इस लेख में हम जानेंगे कि मैगी में क्या सामग्री होती है और यह स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालती है। जानें इसके पीछे का सच और स्वस्थ विकल्पों के बारे में।
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मैगी के शाकाहारी होने का सच: क्या है असली सामग्री?

मैगी का रहस्य: शाकाहारी या मांसाहारी?


क्या आप जानते हैं कि नेस्ले का उत्पाद मैगी, जिसे शुद्ध शाकाहारी बताया जाता है, वास्तव में एक धोखा है? इसके पैकेट पर सामग्री की जानकारी संख्याओं में दी गई है, जिसे आम लोग समझ नहीं पाते। इसे ई कोड कहा जाता है। जब आप इसके पैकेट पर 'फ्लेवर इन्हैंसर' देखेंगे, तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इसका कोड नंबर 635 है। इंटरनेट पर खोजने पर पता चलता है कि यह एक रसायन है, जो मांस या मछली से प्राप्त होता है। इसलिए, यह शाकाहारी लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।


इस विडियो में देखिए कैसे बनाई जाती है मेग्गी >>



इस रसायन के कई दुष्प्रभाव भी हैं। यह गठिया और अस्थमा के रोगियों के लिए हानिकारक है और मानव मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह एक धीमा जहर है। विदेशी कंपनियाँ हमें धोखा देकर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि ऐसे उत्पादों का बहिष्कार करें।


यदि आप जल्दी नाश्ता बनाना चाहते हैं, तो मैगी के कई स्वस्थ विकल्प हैं जैसे पोहा, सूजी का हलवा, और दलिया। ये पौष्टिक और जल्दी बनते हैं।


सवाल: मैगी पर हरा निशान क्यों है?


जवाब: हरा निशान शाकाहारी उत्पाद का प्रतीक है, जबकि लाल निशान मांसाहारी का। 1993 में बने कानून के अनुसार, कुछ रसायनों को शाकाहारी माना गया है, इसलिए कंपनियाँ आपको धोखा देती हैं।


सड़े हुए मैदे से बनी नूडल्स आपके शरीर में कई समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। राजीव भाई के अनुसार, ये नूडल्स स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इसलिए, भारतीय व्यंजनों जैसे डोसा, इडली, और खिचड़ी को प्राथमिकता दें।