मेहुल चोकसी ने बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण चुनौती दी
मेहुल चोकसी की कानूनी लड़ाई जारी
मेहुल चौकसी.
पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने 17 अक्टूबर को बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में एंटवर्प की अपीलीय अदालत के आदेश को चुनौती दी है। इस अदालत ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को मान्यता दी थी, जिससे चोकसी का भारत में प्रत्यर्पण संभव हो गया था।
चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से लगभग 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। 2018 में देश छोड़ने के बाद, उसने एंटीगा और बारबुडा की नागरिकता प्राप्त की थी और हाल ही में बेल्जियम में रह रहा था। हाल ही में, बेल्जियम की अदालत ने चोकसी को भारत भेजने का रास्ता साफ किया था, लेकिन अब उसने इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की है।
सीबीआई और ईडी की स्थिति
सीबीआई और ईडी दोनों एजेंसियां चोकसी के खिलाफ जांच कर रही हैं। उनका कहना है कि चोकसी और नीरव मोदी ने फर्जी दस्तावेजों और बैंक गारंटी के माध्यम से पीएनबी से बड़ी राशि निकाली थी। अपीलीय अदालत ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के प्री-ट्रायल रूम द्वारा 29 नवंबर 2024 को जारी आदेशों में कोई कमी नहीं पाई।
कोर्ट का अरेस्ट वारंट पर निर्णय
कोर्ट ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा मई 2018 और जून 2021 में जारी अरेस्ट वारंट्स को लागू करने योग्य माना। इससे चोकसी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया। अपीलीय अदालत ने यह भी कहा कि चोकसी को प्रत्यर्पित करने में निष्पक्ष सुनवाई से वंचित होने या दुर्व्यवहार का कोई खतरा नहीं है।
गौरतलब है कि चोकसी ने घोटाले का पता चलने से कुछ दिन पहले जनवरी 2018 में एंटीगुआ और बारबुडा भाग लिया था। हाल ही में, उसे बेल्जियम में इलाज के लिए देखा गया था। भारत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी अरेस्ट वारंट के आधार पर 27 अगस्त, 2024 को बेल्जियम को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था.
