मेहुल चोकसी की याचिका खारिज, पीएनबी धोखाधड़ी मामले में एफईओ घोषित करने की प्रक्रिया जारी
मुंबई अदालत का निर्णय
मुंबई की एक अदालत ने मेहुल चोकसी की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' (एफईओ) घोषित करने की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी।
पिछली याचिका का परिणाम
इससे पहले, नवंबर में विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीए) अदालत ने चोकसी की एक समान याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने बेल्जियम में अपनी गिरफ्तारी और भारतीय अधिकारियों द्वारा शुरू की गई प्रत्यर्पण प्रक्रिया का उल्लेख किया था।
नई याचिका का विवरण
चोकसी ने अपनी नई याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग को खारिज करने का अनुरोध किया है।
चोकसी की दलीलें
उसने तर्क दिया कि कंपनी अधिनियम के तहत, जब गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) उसी मामले की जांच कर रहा है, तो संघीय जांच एजेंसी को अपनी कार्यवाही नहीं करनी चाहिए।
ईडी का जवाब
विशेष लोक अभियोजक कविता पाटिल ने कहा कि कंपनी अधिनियम की धारा 212(2) के तहत प्रावधान केवल उसी अधिनियम के तहत आने वाले अपराधों पर लागू होते हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य अधिनियमों के तहत अपराधों पर कार्रवाई करने में कोई रोक नहीं है।
घोटाले के मुख्य आरोपी
मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी इस घोटाले के प्रमुख आरोपी हैं।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों इस मामले की जांच कर रहे हैं।
उन पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों को रिश्वत देकर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की हेराफेरी की।
चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है, जबकि नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है।
