मेहंदीपुर बालाजी मंदिर: हनुमान जी का अद्भुत स्थल

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, जो राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है, हनुमान जी के अद्भुत स्वरूप का स्थल है। यहां भक्तों के लिए विशेष नियम और मान्यताएं हैं, जैसे कि प्रसाद को घर नहीं ले जाना। इस मंदिर में दर्शन से ऊपरी बाधाओं से मुक्ति की मान्यता है। जानें इस रहस्यमय मंदिर की विशेषताएं और धार्मिक महत्व के बारे में।
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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर: हनुमान जी का अद्भुत स्थल

हनुमान जी और श्रीराम का संबंध

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर: हनुमान जी का अद्भुत स्थल


हिंदू धर्म में, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके प्रिय भक्त हनुमान जी को एक-दूसरे का पूरक माना जाता है। जहां श्रीराम का निवास होता है, वहीं हनुमान जी का होना स्वाभाविक है। भारत में भगवान हनुमान के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें से एक है राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच स्थित है और यहां भक्त दूर-दूर से अपने कष्टों का समाधान करने आते हैं।


विशेष नियम और मान्यताएं

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी बाल स्वरूप में विराजमान हैं, और उनके समक्ष भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित है। यहां आने वाले भक्तों के लिए एक खास नियम है— दर्शन से कम से कम सात दिन पहले प्याज, लहसुन, मांसाहार और शराब का सेवन पूरी तरह से त्यागना होता है।


धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां हनुमान जी के दर्शन से ऊपरी बाधाओं और साये से मुक्ति मिलती है। मंदिर परिसर में प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की प्रतिमाएं भी हैं, जहां प्रतिदिन दोपहर 2 बजे 'पेशी' (कीर्तन) होती है और पीड़ितों के कष्ट दूर किए जाते हैं।


प्रसाद का अनोखा नियम

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का एक और अनोखा नियम है— यहां का प्रसाद न तो खाया जा सकता है और न ही किसी को दिया जा सकता है। इसे घर ले जाना सख्त मना है। प्रसाद केवल मंदिर में ही चढ़ाया जाता है और वहीं समाप्त किया जाता है। मान्यता है कि यदि कोई प्रसाद या खाने-पीने की चीज़ को घर ले जाए, तो ऊपरी साया उस व्यक्ति या उसके परिवार पर आ सकता है।


ये विशेषताएं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को भारत के सबसे अनोखे और रहस्यमय हनुमान मंदिरों में से एक बनाती हैं।