मेरठ में टोल बूथ पर सेना के जवान के साथ मारपीट, छह गिरफ्तार

मेरठ में एक टोल बूथ पर सेना के जवान कपिल कवाड़ के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। इस मामले में छह टोल कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। कपिल छुट्टियों पर घर आए थे और दिल्ली हवाई अड्डे जा रहे थे, जब विवाद के दौरान उन पर हमला किया गया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि एनएचएआई ने टोल कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
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मेरठ में टोल बूथ पर सेना के जवान के साथ मारपीट, छह गिरफ्तार

मेरठ में टोल बूथ पर विवाद

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक टोल बूथ पर एक सेना के जवान को खंभे से बांधकर पीटा गया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, पुलिस ने छह टोल बूथ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। कपिल कवाड़, जो भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट में कार्यरत हैं, छुट्टियों पर घर आए थे और दिल्ली हवाई अड्डे जा रहे थे। कपिल और उनके चचेरे भाई उस भीड़भाड़ वाले टोल बूथ पर फंस गए थे। अपनी उड़ान के लिए समय पर पहुंचने की चिंता में, कपिल कार से बाहर निकले और टोल कर्मचारियों से बातचीत करने लगे।


पुलिस की कार्रवाई और टोल कंपनी पर जुर्माना

हालिया जानकारी के अनुसार, मेरठ जिले में इस मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह गिरफ्तारी सोमवार रात को हुई और अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।


पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि यह घटना रविवार को सरूरपुर क्षेत्र के भूनी टोल प्लाजा पर हुई। कपिल छुट्टी के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार थी, जिसके कारण कपिल की टोलकर्मियों से बहस हो गई। विवाद बढ़ने पर टोलकर्मियों ने लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से उन पर हमला कर दिया।


कपिल के पिता कृष्णपाल की शिकायत पर थाना सरूरपुर में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने पहले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया और बाद में एक अन्य आरोपी को भी पकड़ लिया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सभी आरोपियों की पहचान की गई है। गिरफ्तार आरोपियों में सचिन, विजय, अनुज, अंकित, सुरेश राणा, अंकित शर्मा और नीरज तलियान उर्फ बिट्टू शामिल हैं।


एनएचएआई के बागपत क्षेत्रीय कार्यालय के परियोजना निदेशक नरेंद्र सिंह ने बताया कि टोल कंपनी की लापरवाही के कारण उन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी को दो दिन के भीतर जवाब देना होगा, अन्यथा उनका अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा।