मेरठ में 90 वर्षीय शिक्षिका की मौत, पड़ोसियों ने किया अंतिम संस्कार

मेरठ में एक 90 वर्षीय पूर्व शिक्षिका की दर्दनाक मौत के बाद उनके शव को दस दिन तक कोई नहीं देख सका। जब रिश्तेदारों ने हालचाल जानने का प्रयास किया, तो उन्हें भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा। चूहों द्वारा कुतरे गए शव के साथ, पड़ोसियों ने मानवता का परिचय देते हुए उनका अंतिम संस्कार किया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और शिक्षिका की संपत्ति के बारे में।
 | 
मेरठ में 90 वर्षीय शिक्षिका की मौत, पड़ोसियों ने किया अंतिम संस्कार

भयावह स्थिति में मिली शिक्षिका का शव


मेरठ में एक नब्बे वर्षीय पूर्व शिक्षिका, जो अकेले रहती थीं, की मृत्यु को लगभग दस दिन हो गए थे, लेकिन किसी को इसकी जानकारी नहीं थी। जब उनके रिश्तेदार ने हालचाल जानने के लिए घर का दौरा किया, तो वहां से दुर्गंध आई। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो दृश्य भयावह था। चूहों ने उनके चेहरे और शरीर को कुतर दिया था।


फॉरेंसिक विशेषज्ञों का मानना है कि महिला की मृत्यु लगभग दस दिन पहले हुई थी। इस स्थिति की गंभीरता तब बढ़ गई जब परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार के लिए समय न होने का बहाना बनाते हुए ऑनलाइन पैसे भेजने को कहा।


हालांकि, पड़ोसियों और दूर के रिश्तेदारों ने मानवता का परिचय देते हुए ब्रजघाट पर उनका अंतिम संस्कार किया। कमला सरीन अविवाहित थीं और लंबे समय से अकेले रह रही थीं। उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी, जिसमें कई घर और किराए की दुकानें शामिल थीं। कमला के बड़े भाई रामपाल एक आईएएस अधिकारी थे, और उनके चारों भाई अन्य शहरों और विदेशों में रहते हैं।


कमला सरीन, जो मेरठ के प्रतिष्ठित सोफिया गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका थीं, को पड़ोसियों ने पिछले दस दिनों से नहीं देखा था। जब सोमवार रात उनके रिश्तेदार और पड़ोसी संजीव सरीन उनके घर पहुंचे, तो आंगन में भयंकर दुर्गंध फैली हुई थी।


खिड़की से झांकने पर देखा गया कि बेड पर कमला का शव पड़ा था। पुलिस ने पहुंचकर बेडरूम का दरवाजा तोड़ा, जहां शव पूरी तरह सड़ चुका था और चूहों ने उनके चेहरे को कुतर दिया था।