मेरठ में 14 वर्षों में सबसे ठंडी जनवरी: तापमान में गिरावट

मेरठ में जनवरी का पहला दिन पिछले 14 वर्षों में सबसे ठंडा रहा, जहां अधिकतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की बर्फीली हवा ने ठंड को और बढ़ा दिया, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो दिनों तक ठंड का यह प्रभाव जारी रहेगा। जानें इस ठंड के कारण और प्रदूषण के स्तर में सुधार के बारे में।
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मेरठ में 14 वर्षों में सबसे ठंडी जनवरी: तापमान में गिरावट

मेरठ में ठंड का कहर

मेरठ में 14 वर्षों में सबसे ठंडी जनवरी: 2025 के पहले दिन का तापमान


मेरठ में बुधवार का दिन पिछले 14 वर्षों में सबसे ठंडा रहा। सुबह के समय पाले और बर्फीली हवा ने ठंड को और बढ़ा दिया। पूरे उत्तर प्रदेश में मेरठ सबसे ठंडा शहर बना, जहां अधिकतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस कड़ाके की ठंड ने शहरवासियों को परेशान कर दिया है। शाम होते-होते ठंड अपने चरम पर पहुंच गई, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने से बचने लगे।


सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि बुधवार को कोल्ड डे कंडीशन का अनुभव किया गया। जब तापमान 15 डिग्री या उससे नीचे होता है, तब इसे कोल्ड डे माना जाता है। वर्तमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान गिर रहा है, जिससे कोल्ड डे कंडीशन बनी हुई है। अगले दो दिनों तक ठंड का यह प्रभाव जारी रहने की संभावना है।


पिछले पांच दिनों से मेरठ का एक्यूआई 100 से नीचे बना हुआ है, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। बारिश के बाद प्रदूषण में कमी आई है। बुधवार को मेरठ का एक्यूआई 98, जयभीमनगर 89, गंगानगर 100, दिल्ली रोड 105, पल्लवपुरम 112 और बेगमपुल 95 दर्ज किया गया। प्रदूषण में और वृद्धि की संभावना कम है।


मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 6 जनवरी से मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। वे प्रचंड सर्दी की संभावना जता रहे हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर और पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में लोग इस ठंड से परेशान हैं।