मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने मणिपुर में अलग प्रशासन की मांग का विरोध किया
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मणिपुर में अलग प्रशासन की मांग का विरोध करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेगी। संगमा ने सभी समुदायों से संवाद में भाग लेने की अपील की और कहा कि कठोर रुख से स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने केंद्र से स्थानीय समुदायों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया और एनपीपी द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। यह बयान मणिपुर में चल रहे तनाव के बीच आया है, जहां विभिन्न मांगों ने शांति को प्रभावित किया है।
Oct 10, 2025, 16:37 IST
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संगमा का स्पष्ट रुख
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मणिपुर में अलग प्रशासन की मांग के खिलाफ अपने और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है। वर्तमान में, संगमा मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) और सामुदायिक नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी मणिपुर में चल रहे तनाव के बीच आई है, जहां विभिन्न मांगों और सामुदायिक चिंताओं ने क्षेत्र की शांति को प्रभावित किया है। इम्फाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने नहीं आए हैं। राज्य के भीतर प्रशासनिक ढांचे के कामकाज पर चर्चा की जा सकती है, लेकिन मणिपुर को पूरी तरह से विभाजित करने का हमारा कोई इरादा नहीं है।
सार्थक संवाद की आवश्यकता
संगमा ने सभी समुदायों से सार्थक संवाद में भाग लेने की अपील की और कठोर रुख अपनाने से बचने की सलाह दी, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने रुख पर अड़े रहेंगे और मुद्दों पर ध्यान नहीं देंगे, तो हम किसी समाधान तक नहीं पहुँच पाएंगे। संवाद और समझ ही आगे बढ़ने की कुंजी हैं। नागा नागरिक समाज संगठनों द्वारा उठाए गए मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) और सीमा बाड़ लगाने के मुद्दों पर संगमा ने व्यापक परामर्श की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि निर्णय लेने से पहले स्थानीय समुदायों के साथ बातचीत की जाए, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। जब बातचीत का माहौल होता है, तो आगे बढ़ने का रास्ता हमेशा खुला रहता है। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर चर्चा के दौरान पूर्व के परामर्शों का उल्लेख किया।
एनपीपी के कदम
संगमा ने मौजूदा संकट से निपटने के लिए एनपीपी द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय से विश्वास बहाली के उपायों के लिए औपचारिक संवाद शामिल है। उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ साल पहले, हमने गृह मंत्रालय को लिखा था कि विश्वास बहाली के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। लोगों का नेतृत्व पर से विश्वास उठ गया था। पार्टी ने इससे पहले राजनीतिक गठबंधनों में जनहित को प्राथमिकता देते हुए भाजपा-नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।