मुरादाबाद हत्या कांड: शर्ट के बटन ने खोली कातिल की पहचान
मुरादाबाद में युवक की हत्या का मामला
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के जंगलों में एक युवक का शव पन्नी में लिपटा हुआ मिला। मृतक की पहचान काशीपुर के निवासी चीनू उर्फ बादशाह (20) के रूप में हुई है। पुलिस अब कातिल की तलाश में जुटी थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था। अंततः एक शर्ट के बटन ने इस मामले को सुलझाने में मदद की। पुलिस ने बताया कि चीनू की हत्या 20 हजार रुपये के लेन-देन और एक पुरानी रंजिश के कारण की गई थी। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दूसरे की खोज जारी है.
हत्या की योजना और उसके पीछे का कारण
यह मामला भगतपुर थाना क्षेत्र के भवानीपुर का है। आरोपी हिमांशु चौधरी ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने मित्र अंकुल के साथ मिलकर चीनू की हत्या की। उसने 21 अक्टूबर को चीनू को धोखे से बुलाया, शराब पिलाई और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। अगले दिन, दोनों ने शव को गन्ने के खेत में नमक डालकर और प्लास्टिक में लपेटकर दफना दिया ताकि पहचान न हो सके.
आरोपी की गिरफ्तारी और सबूत
पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में इस्तेमाल की गई बुलेट मोटरसाइकिल, फावड़ा, नमक, प्लास्टिक पन्नी और एक बटन सहित कई अन्य सामान बरामद किए हैं। एक अन्य आरोपी अंकुल अब भी फरार है, और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है.
पुरानी रंजिश का बदला
गिरफ्तार अभियुक्त हिमांशु ने पुलिस को बताया कि उसकी चीनू से पुरानी रंजिश थी। लगभग एक साल पहले एक मोटरसाइकिल के मामले में चीनू पकड़ा गया था, जिसमें हिमांशु से भी पूछताछ की गई थी। जेल से छूटने के बाद, चीनू ने हिमांशु के भाई से अपनी पिटाई का बदला लिया था, जिससे दोनों के बीच विवाद बढ़ गया था.
हत्या का तरीका
चीनू की लगातार गाली-गलौज और धमकियों से परेशान होकर हिमांशु और अंकुल ने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई। उन्होंने दोस्ती का दिखावा करते हुए चीनू को बुलाया और अत्यधिक शराब पिलाकर बेहोशी की हालत में उसकी हत्या कर दी.
शर्ट के बटन से मिली पहचान
हत्या के अगले दिन, दोनों आरोपी फिर से हत्या की जगह पर आए। उन्होंने गड्ढा खोदा, चीनू के शव को पन्नी में लपेटा, नमक डाला और शव को बोरे में बांधकर गड्ढे में दबा दिया। इसके बाद गड्ढे के ऊपर गन्ने की पत्तियां बिखेर दीं। इस दौरान हिमांशु की शर्ट का एक बटन गिर गया, जो बाद में पुलिस के लिए महत्वपूर्ण सबूत बना। जब शव मिला था, तब मृतक की पहचान नहीं हो पा रही थी, लेकिन इस बटन ने कातिल की पहचान में मदद की।
