मुरादाबाद में बुजुर्गों को हनीट्रैप में फंसाने वाला गैंग पकड़ा गया

मुरादाबाद में पुलिस ने एक गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो बुजुर्गों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे पैसे लूटता था। गैंग की महिलाएं सोशल मीडिया पर बुजुर्गों से दोस्ती कर उन्हें अकेले मिलने के लिए बुलाती थीं। फिर उन्हें ब्लैकमेल कर पैसे वसूलते थे। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य फरार हैं। जानें इस गैंग के बारे में और कैसे उन्होंने बुजुर्गों को निशाना बनाया।
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मुरादाबाद में बुजुर्गों को हनीट्रैप में फंसाने वाला गैंग पकड़ा गया

गैंग का भंडाफोड़

मुरादाबाद में बुजुर्गों को हनीट्रैप में फंसाने वाला गैंग पकड़ा गया


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बुजुर्गों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे पैसे लूटता था। यह गैंग बुजुर्गों को सोशल मीडिया पर बातचीत के जरिए अकेले मिलने के लिए बुलाता था। वहां पहले से मौजूद गैंग के अन्य सदस्य बुजुर्गों को ब्लैकमेल करते थे। हाल ही में पुलिस ने इस गिरोह की चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।


गिरोह ने एक रिटायर्ड कर्मचारी से दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। गिरोह का मुख्य आरोपी सोनू और उसके दो साथी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से एक राहुल शर्मा पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, उसकी साथी महक पहले भी हत्या के मामले में जेल जा चुकी है।


कैसे हुआ खुलासा

पुलिस लाइन सभागार में एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि चार हफ्ते पहले पीड़ित रिटायर्ड कर्मी को एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाली युवती ने खुद को महक बताया और धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ाईं। फिर उसे सिविल लाइंस के एक फ्लैट पर बुलाया, जहां महिला ने उसे फुसलाकर अश्लील वीडियो बना लिया। तभी महक के तीन साथी राहुल, राधेश्याम और रानी बाहर आए और उसे केस में फंसाने की धमकी दी।


डर के मारे पीड़ित ने मौके पर 50 हजार रुपये दे दिए और बाकी पैसे लाने के बहाने चारों को अपनी कार में बैठाकर ले गया। जैसे ही उनकी कार सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में पहुंची, पीड़ित ने पुलिस को देखकर शोर मचाया। पुलिस ने तुरंत चारों को पकड़ लिया।


गैंग की पहचान और modus operandi

जांच में पता चला कि यह गैंग लंबे समय से सोशल मीडिया के जरिए बुजुर्गों को निशाना बना रहा था। रानी और महक ऐसे पुरुषों की पहचान करती थीं जो भावनात्मक रूप से कमजोर होते थे। ये लोग फोन पर प्यार भरी बातें कर उन्हें मिलने के लिए बुलाती थीं और फिर आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करती थीं।


गिरोह ने स्वीकार किया है कि उन्होंने कई व्यक्तियों को झूठे दुष्कर्म के मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर लाखों रुपये वसूले हैं। महक और रानी दोनों ऐसे व्यक्तियों की तलाश करती थीं जो सामाजिक रूप से संवेदनशील और अशिक्षित हों।