मुगल साम्राज्य में हिंदू रानियों को दिए जाने वाले अनमोल उपहार

मुगल हरम में हिंदू रानियों के लिए उपहारों का महत्व
मुगल साम्राज्य में हिंदू रानियों को मिलने वाले उपहार और गहने केवल साधारण उपहार नहीं थे, बल्कि ये सम्मान और शाही परंपरा का प्रतीक थे। मुग़ल बादशाहों की रानियां, विशेषकर हिंदू महिलाएं, अक्सर महत्वपूर्ण अवसरों पर महंगे और दुर्लभ गहनों से सम्मानित की जाती थीं। महान मुग़ल सम्राट अकबर ने कई हिंदू राजकुमारियों से विवाह किया, और इसके बाद शाहजहां, जहांगीर और अन्य मुग़ल सम्राटों ने भी हिंदू राजकुमारियों को अपनी दुल्हन बनाया।
अकबर द्वारा जोधाबाई को दिए गए विशेष उपहार
अकबर ने जोधाबाई को विशेष सम्मान देने के लिए उन्हें मोती और हीरे जैसे अनमोल गहने भेंट किए। ये गहने न केवल उनकी गरिमा और रिश्ते को दर्शाते थे, बल्कि शाही परिवार की परंपरा और सौंदर्य की विरासत को भी प्रदर्शित करते थे। इन गहनों को अक्सर विदेशों से मंगवाया जाता था, जिसमें ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों की विशेष सामग्री शामिल होती थी।
राजपूताने के कारीगरों से गहनों का निर्माण
गहनों का निर्माण राजपूताने से बुलाए गए कारीगरों द्वारा किया जाता था। अकबर ने आमेर के कारीगरों को महल में आमंत्रित किया ताकि जोधाबाई की पसंद के अनुसार गहने बनाए जा सकें। यह न केवल शाही शौक का हिस्सा था, बल्कि मुग़ल साम्राज्य की शक्ति और सम्मान का प्रतीक भी था। मुग़ल बादशाहों द्वारा हिंदू रानियों को दिए गए ये गहने उनकी सामाजिक स्थिति और उनके साथ गठबंधन की गंभीरता को भी दर्शाते थे, जो उस समय के शाही राजनीतिक दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।