मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी दिवाली की शुभकामनाएँ, अयोध्या में मनाया जाएगा दीपोत्सव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवाली के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव की तैयारियों की जानकारी साझा की, जिसमें 26 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर्व को मनाने के दौरान, मुख्यमंत्री विभिन्न समुदायों से मिलकर उन्हें मिठाइयाँ बाँटेंगे और दिवाली की शुभकामनाएँ देंगे। अयोध्या में यह उत्सव भक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा।
Oct 20, 2025, 15:33 IST
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दिवाली की शुभकामनाएँ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सभी देशवासियों को दिवाली की बधाई दी और उनके जीवन में खुशियों और सकारात्मकता की कामना की। दिवाली, जिसे प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है, अधर्म पर धर्म, अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की आध्यात्मिक विजय का प्रतीक है। यह पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग मिट्टी के दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। मुख्यमंत्री ने X पर एक पोस्ट में कहा कि सत्य, शाश्वत धर्म और सकारात्मकता की विजय के इस पावन पर्व पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ! यह पर्व केवल दीप जलाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह आत्मा में आशा, समाज में सद्भाव और राष्ट्रीय पुनरुत्थान का संकल्प है।
मुख्यमंत्री का अयोध्या दौरा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्री राम और माता जानकी की कृपा हमारे घरों और हृदयों को रोशन करे, और सभी के जीवन में आस्था और उत्साह का दीप जलाए। दिवाली के अवसर पर, मुख्यमंत्री अयोध्या में कंधारपुर वार्ड-1 का दौरा करेंगे, जहां वह निषाद समुदाय के लोगों से मिलकर उन्हें फल और मिठाइयाँ बाँटेंगे। इसके अलावा, वह मत्तगजेंद्र (मातागईद) देवकाली वार्ड का भी दौरा करेंगे, जहाँ वह दलित समुदाय के सदस्यों से मिलकर उन्हें दिवाली की शुभकामनाएँ देंगे।
दीपोत्सव का भव्य समापन
अयोध्या 17 अक्टूबर से शुरू हुए अपने नौवें दीपोत्सव के भव्य समापन की तैयारी कर रहा है। सोमवार को सरयू नदी के किनारे 56 घाटों पर 26,11,101 दीये जलाकर यह उत्सव अपने चरम पर पहुँच जाएगा, जो शहर के आध्यात्मिक उत्सवों में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। दीपोत्सव 2025 में असाधारण भागीदारी देखने को मिलेगी - 26 लाख दीये, 2,100 वैदिक विद्वान, 1,100 ड्रोन और 33,000 स्वयंसेवक - जो भक्ति, संस्कृति और तकनीक का जीवंत संगम प्रस्तुत करेंगे, और अयोध्या के बढ़ते महत्व को दर्शाएंगे।