मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में सुनीं लोगों की समस्याएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जनता दर्शन कार्यक्रम में नागरिकों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने मिशन शक्ति 5.0 का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बेटियों को सशक्त बनाना है। इस अभियान के तहत, पुलिस ने व्यापक निरीक्षण किया और कई एफआईआर दर्ज कीं। जानें इस कार्यक्रम के बारे में और क्या खास रहा।
Oct 6, 2025, 13:15 IST
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जनता दर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की सक्रियता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए नागरिकों से मुलाकात की। उन्होंने पुलिस, राजस्व, रोजगार, बिजली और वित्तीय सहायता से जुड़ी शिकायतों को सुना। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से प्रार्थना-पत्र प्राप्त किए और अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर मामले का समाधान निर्धारित समय में निष्पक्षता से किया जाए। उन्होंने कहा कि हर नागरिक के चेहरे पर खुशी और संतोष लाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
योगी ने यह भी कहा कि किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना ईश्वर की सेवा के समान है। राज्य सरकार हर व्यक्ति के दुख को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को बिना भेदभाव के मिल रहा है, और 'जनता दर्शन' लोगों की समस्याओं के समाधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ भी बातचीत की, उन्हें चॉकलेट और टॉफियाँ दीं, और पढ़ाई और खेल के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे कार्यक्रम में एक गर्मजोशी भरा माहौल बना।
एक दिन पहले, मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बेटियों के सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति 5.0 का शुभारंभ किया। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस अभियान के तहत, एडीजी पद्मजा चौहान के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 1,08,292 मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों का निरीक्षण किया, 9,77,269 व्यक्तियों की जांच की, और 2,500 से अधिक एफआईआर दर्ज कीं।
मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी, एडीजी पद्मजा चौहान के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत, एंटी-रोमियो स्क्वॉड ने सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है। इस अभियान के दौरान, 1,08,292 मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों का निरीक्षण किया गया, और 9,77,269 व्यक्तियों की जांच की गई, जिसके परिणामस्वरूप 2,500 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गईं। यह अभियान महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति उत्तर प्रदेश की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।