मुख्यमंत्री मोहन यादव का जापान दौरा: निवेश के नए अवसरों की खोज

मुख्यमंत्री का विदेश दौरा
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने दूसरे अंतरराष्ट्रीय दौरे पर जापान जा रहे हैं। यह यात्रा 28 जनवरी से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगी। इस चार दिवसीय यात्रा में वे टोक्यो, ओसाका और कोबे जैसे प्रमुख शहरों में निवेश के अवसरों की खोज करेंगे। इस दौरान, मुख्यमंत्री स्थानीय उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन संवाद भी करेंगे। इसके अलावा, वे 24 और 25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए निवेशकों को आमंत्रित करेंगे।
जापान यात्रा का कार्यक्रम
गणतंत्र दिवस के एक दिन बाद, मुख्यमंत्री 27 जनवरी को दिल्ली से रवाना होंगे। 28 जनवरी की सुबह 2:25 बजे वे टोक्यो के हानेडा हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे और 3:45 बजे इम्पीरियल होटल में ठहरेंगे। यहां वे फ्रेंडस ऑफ एमपी की जापान टीम से मिलेंगे। इसके बाद, सुबह 9:15 बजे भारतीय राजदूत सीबी जॉर्ज से औपचारिक मुलाकात करेंगे और 10:15 बजे महात्मा गांधी पार्क जाकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
निवेश पर चर्चा
11:30 बजे भारतीय दूतावास में आयोजित रोड-शो में शामिल होकर, मुख्यमंत्री उद्योगपतियों के साथ चर्चा करेंगे। दोपहर 1:30 से 3 बजे तक वन-टू-वन मीटिंग होगी। इसके बाद, सीएम डॉ. मोहन यादव 3:30 बजे भारतीय राजदूत के निवास पर भोज में शामिल होंगे।
उद्योगपतियों के साथ बैठक
29 जनवरी को, सुबह 7 से 8:30 बजे तक इम्पीरियल होटल में उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग होगी। इस दौरान, वे जापान के प्रमुख उद्योगपतियों और संगठनों से मिलेंगे। इसके बाद, सुबह 10:15 बजे टोक्यो स्थित ब्रिजस्टोन हेडक्वाटर्स में चर्चा करेंगे।
कोबे और ओसाका का दौरा
30 जनवरी को, सुबह 4:30 बजे शिंकानसेन बुलेट ट्रेन से कोबे पहुंचेंगे। यहां, वे सिस्मेक्स कंपनी के अधिकारियों से मिलकर उनकी साइट का दौरा करेंगे। इसके बाद, ओसाका में पैनासोनिक एनर्जी के अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
क्योटो की यात्रा
31 जनवरी को, सुबह 6 से 7 बजे तक जीटूजी और बीटूजी मीटिंग में संबोधन देंगे। ओसाका से सुबह 7 बजे निकलकर क्योटो पहुंचेंगे। वहां, जापान की सांस्कृतिक और औद्योगिक प्रगति को जानने के लिए विभिन्न साइट्स का दौरा करेंगे।
पहली विदेश यात्रा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह दूसरी विदेश यात्रा है। इससे पहले, उन्होंने 24 से 29 नवंबर 2024 तक ब्रिटेन और जर्मनी में निवेश की संभावनाओं की खोज की थी।