मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल से वृद्धजनों को मिला स्वास्थ्य का नया आश्रय

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल से राजस्थान में वृद्धजनों के लिए रामाश्रय वार्डों की स्थापना की गई है, जो स्वास्थ्य सेवाओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गए हैं। अब तक 20 लाख से अधिक बुजुर्ग इस पहल से लाभान्वित हो चुके हैं। इन वार्डों में ओपीडी और आईपीडी सेवाएं, लैब टेस्ट और फिजियोथेरेपी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जानें कैसे ये वार्ड बुजुर्गों के जीवन में नई आशा और स्वास्थ्य का संचार कर रहे हैं।
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल से वृद्धजनों को मिला स्वास्थ्य का नया आश्रय

मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा शुरू किए गए रामाश्रय वार्ड (जीरियाट्रिक वार्ड एवं जीरियाट्रिक क्लीनिक) वृद्धजनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा बन गए हैं। ये वार्ड जनसेवा का एक प्रभावी माध्यम साबित हो रहे हैं। अब तक लगभग 20 लाख बुजुर्ग इस मानवीय पहल से लाभान्वित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील नवाचार ने न केवल बुजुर्गों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया है, बल्कि उनके जीवन में नई आशा और विश्वास का संचार भी किया है। इससे उन्हें उपचार के लिए अस्पतालों में भटकने की आवश्यकता नहीं रही है।


बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल

मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में 14 मार्च, 2024 से राज्य के जिला अस्पतालों में बुजुर्गों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल के लिए रामाश्रय वार्डों की स्थापना की गई थी। इस सेवाभावी पहल का लाभ लेने के लिए लगभग 19 लाख 70 हजार बुजुर्गों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।


लैब टेस्ट और फिजियोथेरेपी सेवाएं

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि इस नवाचार के तहत लगभग 18 लाख बुजुर्गों ने ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाया है, जबकि 1 लाख 5 हजार से अधिक वृद्धजनों ने आईपीडी सेवाएं प्राप्त की हैं। इन वार्डों के माध्यम से करीब 12 लाख 20 हजार लैब टेस्ट किए गए हैं और 27 हजार से अधिक रोगियों को फिजियोथेरेपी की सुविधा दी गई है।


रामाश्रय वार्ड की सुविधाएं

रामाश्रय वार्डों में 10 फाउलर बैड आरक्षित किए गए हैं, जिनमें से 5 बैड महिलाओं और 5 बैड पुरुषों के लिए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन और परदे लगाए गए हैं। नर्सिंग अलार्म सिस्टम भी स्थापित किया गया है, ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की गई है, जिनमें ग्रेब-बार लगाए गए हैं।


नोडल अधिकारी और सेवाएं

हर वार्ड में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो वार्ड की सभी व्यवस्थाओं का प्रबंधन करता है। रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है। वृद्धजनों को आईपीडी के दौरान विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध कराई जा रही हैं।


जीरियाट्रिक क्लिनिक की व्यवस्था

राजकीय जिला अस्पतालों और उप जिला अस्पतालों में वृद्धजनों के लिए ओपीडी सेवाओं के लिए जीरियाट्रिक क्लिनिक की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर और दवा वितरण केंद्रों पर वृद्धजनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें लंबी कतारों में खड़ा न होना पड़े और आसानी से उपचार मिल सके।