मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर लगाया मुफ्त राशन रोकने का आरोप

मुख्यमंत्री का बयान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीतियों की कड़ी आलोचना की है, जो 55 लाख नागरिकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत मुफ्त खाद्यान्न से वंचित करने के उद्देश्य से हैं।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में कुल 1.53 करोड़ राशन कार्ड में से भाजपा सरकार ने 55 लाख गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना को समाप्त करने की साजिश की है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने पहले ही जुलाई में 23 लाख गरीबों के लिए मुफ्त राशन रोक दिया था और अब 30 सितंबर से 32 लाख और लोगों को इस लाभ से वंचित करने की धमकी दी है। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार अपने नापाक इरादों में सफल नहीं होगी और वह एक भी राशन कार्ड को हटाने की अनुमति नहीं देंगे।
भाजपा की दोगली नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि जबकि भाजपा खुद को जनहितैषी बताती है और पीडीएस के माध्यम से 80 करोड़ लोगों को खाद्यान्न देने का दावा करती है, वह पंजाब में 8,02,493 राशन कार्ड रद्द करने की कोशिश कर रही है। इससे लगभग 32 लाख लोग मुफ्त राशन के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। भगवंत मान ने भाजपा पर 'मतदाता चोरी' से 'राशन चोरी' की ओर बढ़ने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि यह पंजाब जैसे खाद्यान्न उत्पादक राज्य के लिए विशेष रूप से अन्यायपूर्ण है।
राशन कार्ड हटाने की तर्कहीनता
मुख्यमंत्री ने राशन कार्ड हटाने के तर्कों की आलोचना की, जिसमें चार पहिया वाहन, सरकारी नौकरी, छोटे भूखंड और आय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक सदस्य के इन मानदंडों को पूरा करने पर पूरे परिवार को दंडित करना बेतुका है। भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि जब तक वह मुख्यमंत्री हैं, एक भी राशन कार्ड नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वे अपने 'उपलब्धियों' को अपने जनसंपर्क कार्यक्रमों में दिखाएं।
केंद्र सरकार की योजनाओं की विडंबना
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की योजनाओं की विरोधाभासी प्रकृति का मजाक उड़ाया, जिसमें एक योजना गरीबों को गैस कनेक्शन देती है जबकि दूसरी उसी आधार पर लाभ वापस लेती है। भगवंत मान ने कहा कि भाजपा का गरीब विरोधी एजेंडा उजागर हो चुका है और उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे बहिष्करण मानदंडों पर पुनर्विचार करें। उन्होंने कहा कि इन शर्तों को ढीला करने की आवश्यकता है ताकि अधिकतम संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित लोग लाभ उठा सकें।
पंजाब सरकार का विरोध
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार इस भेदभावपूर्ण कदम का विरोध करेगी और पहले ही इस मामले की गहन समीक्षा के लिए छह महीने का समय मांगा है। उन्होंने संघ सरकार को चेतावनी दी कि पंजाबी लोगों को भिखारी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोग केंद्र के दबाव में नहीं आएंगे और अपने अधिकारों का त्याग नहीं करेंगे।
पंजाब की स्थिति
मुख्यमंत्री ने कहा कि जबकि पंजाब का जीवन स्तर कई अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर रहा है, लेकिन पिछले शासन की खराब प्रशासनिक नीतियों के कारण इसे नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि भारत को विश्वगुरु बनाने का उनका सपना तब तक पूरा नहीं होगा जब तक पंजाब में 32 लाख लोग तकनीकी कारणों और गलत नीतियों के कारण भूखे रहेंगे।
जल प्रबंधन की योजना
मुख्यमंत्री ने एक अलग प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य सरकार भारी बारिश के कारण पंजाब में होने वाली तबाही को रोकने के लिए जल स्रोतों को चैनलाइज करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बारिश पहाड़ी क्षेत्रों में होती है, लेकिन पंजाब को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। भगवंत मान ने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए एक व्यापक तंत्र विकसित किया जा रहा है और उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद एक मजबूत रणनीति तैयार करने का निर्देश दिया है।