मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप, वीबी-जी राम जी कानून को बताया गरीबों के खिलाफ
मुख्यमंत्री का आरोप
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने गरीबों से भोजन छीनने के लिए वीबी-जी राम जी कानून को पारित किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार वंचित वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी।
केंद्र सरकार पर निशाना
मान ने नए 'विकसित भारत-रोजगार गारंटी आजीविका मिशन-ग्रामीण' (वीबी-जी राम जी) विधेयक को संसद में 14 घंटे के भीतर पारित करने के प्रयासों पर केंद्र सरकार की आलोचना की। उनका कहना था कि इस अधिनियम ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की मूल भावना को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
विशेष विधानसभा सत्र
आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित वीबी-जी राम जी अधिनियम का विरोध करने के लिए मंगलवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया।
नए अधिनियम की आलोचना
वीबी-जी राम जी अधिनियम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में पारित मनरेगा की जगह ली है। मान ने कहा कि नए अधिनियम का उद्देश्य दलितों, महिलाओं और सबसे गरीब परिवारों से भोजन, रोजगार और सम्मान छीनना है।
मनरेगा की तुलना
उन्होंने कहा, 'मनरेगा को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बहुत सोच-समझकर तैयार किया था। इसे वर्षों की चर्चा के बाद पेश किया गया था। वहीं, वीबी-जी राम जी अधिनियम को संसद में कुछ ही घंटों में पारित कर दिया गया।'
केंद्र सरकार को चेतावनी
मान ने केंद्र सरकार को जनविरोधी नीतियों को अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि यदि ऐसा किया गया, तो पंजाब के लोग केंद्रीय नेताओं को उनके गांवों में प्रवेश नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा, 'हम किसी भी हद तक संघर्ष करेंगे। हम गरीबों के अधिकारों पर डाका डालने को बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
