मुख्यमंत्री धामी ने तीर्थाटन योजना के तहत श्रद्धालुओं को गंगोत्री के लिए रवाना किया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को 32 श्रद्धालुओं के एक दल को गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया। मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को पवित्र स्थलों के दर्शन कराना और उनके जीवन में आध्यात्मिक शांति लाना है। इस यात्रा में 19 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सहकारिता मेले में भी भाग लिया, जहां उन्होंने ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया।
Oct 14, 2025, 19:56 IST
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मुख्यमंत्री का तीर्थाटन योजना का शुभारंभ
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राज्य सरकार की मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना के अंतर्गत 32 श्रद्धालुओं के एक समूह को गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया। हल्द्वानी सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुखद यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को पवित्र तीर्थ स्थलों के दर्शन का अवसर प्रदान करना और उनके जीवन में आध्यात्मिक शांति लाना है।
श्रद्धालुओं का दल और यात्रा की व्यवस्था
इस यात्रा में 19 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं। मातृ-पितृ योजना के तहत, श्रद्धालु गंगोत्री धाम के साथ-साथ मार्ग में आने वाले अन्य पवित्र स्थलों का भी दर्शन करेंगे। गढ़वाल मंडल विकास निगम ने आवास, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की है। इससे पहले, मुख्यमंत्री धामी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में नौ दिवसीय सहकारिता मेले में भाग लिया, जहां उन्होंने ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण में सहकारिता की भूमिका पर चर्चा की।
सहकारिता आंदोलन का महत्व
मुख्यमंत्री धामी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता आंदोलन राज्य में ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह सामाजिक एकता और आत्मनिर्भरता की नींव रखता है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया और किसानों तथा स्वयं सहायता समूहों की सराहना की, जो स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने में लगे हैं।
महिलाओं के लिए सहकारिता का मंच
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को मजबूत करेगा और महिलाओं तथा स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने का एक बड़ा मंच प्रदान करेगा। सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवनशैली का प्रतीक है, जो 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत में झलकती है।