मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर दी चेतावनी

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पर जोर दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि तमिलनाडु में 'वोट चोरी' की घटनाएं न हों। उन्होंने द्रमुक के खिलाफ चल रही कानूनी लड़ाई और एसआईआर प्रक्रिया के विरोध में आगामी प्रदर्शन की जानकारी दी। स्टालिन ने मतदाता सूची में संशोधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला और नागरिकों को अपने मताधिकार को सुरक्षित रखने की चेतावनी दी।
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मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर दी चेतावनी

मतदाता सूची के पुनरीक्षण की आवश्यकता

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि तमिलनाडु में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया की निगरानी आवश्यक है, ताकि 'वोट चोरी' की घटनाएं न हों।


टीवीके के नेता विजय पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए, स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग द्रमुक को समाप्त करने का सपना देख रहे हैं, लेकिन कोई भी उसे छूने की हिम्मत नहीं कर सकता।


द्रमुक अध्यक्ष ने एक समारोह में एसआईआर अभियान की शुरुआत का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी पार्टी ने इस प्रक्रिया के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है।


मुख्यमंत्री ने कहा, "हालांकि, कानूनी लड़ाई एक पहलू है, लेकिन मतदाता सूची में संशोधन का कार्य भी समानांतर चल रहा है। इसे देखना हमारी जिम्मेदारी है। यह वर्तमान संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है।"


उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को द्रमुक के नेतृत्व वाला धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगा।


स्टालिन ने कहा, "आप जानते हैं कि पहले से प्रकाशित सूची के आधार पर, बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) 4 नवंबर से घर-घर जाकर फॉर्म बांट रहे हैं। ये फॉर्म चार दिसंबर तक भरे जाने हैं। केवल इसी तरह से जमा किए गए नाम मतदाता सूची में शामिल होंगे।"


उन्होंने कहा कि वे चार दिसंबर तक तीन बार दौरा करेंगे। स्टालिन ने चेतावनी दी, "अगर हम काम में व्यस्त हैं या घर पर नहीं हैं, तो हमें अपने मताधिकार खोने का खतरा हो सकता है।"