मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार के कार्यकाल का मूल्यांकन पांच साल बाद करने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री का बयान
गुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार के कार्यों का मूल्यांकन उसके पांच साल के कार्यकाल के पूरा होने के बाद ही किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सरकार अल्पकालिक नहीं होगी और पार्टी के घोषणापत्र में किए गए वादों का आकलन पूरे कार्यकाल के अंत में होना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि यह सरकार केवल छह महीने या एक साल की नहीं होगी, बल्कि यह पांच साल की होगी।
उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार के प्रदर्शन का मूल्यांकन पांच साल से पहले किया गया, तो योजनाओं के पूर्ण कार्यान्वयन का सही पता नहीं चल सकेगा।
कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग ने 860 सीपीडब्ल्यू को नियमित किया है, जो पहले 500, 1000, और 2000 रुपये वेतन प्राप्त कर रहे थे। अन्य विभागों ने भी इसी प्रक्रिया को अपनाना शुरू कर दिया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम अपने लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में काम करना एक अनूठा अनुभव है। उन्हें उम्मीद थी कि केंद्र सरकार पहले साल के भीतर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का वादा पूरा करेगी। उनका मानना है कि जम्मू-कश्मीर की सभी समस्याओं का समाधान राज्य का दर्जा बहाल करने में निहित है।
द्विवार्षिक दरबार मूव की वापसी
उमर अब्दुल्ला ने चार साल के अंतराल के बाद पारंपरिक द्विवार्षिक दरबार मूव को फिर से शुरू करने की घोषणा की। यह प्रथा, जिसमें मौसम बदलने पर राजधानी को जम्मू और श्रीनगर के बीच स्थानांतरित किया जाता है, 2021 में उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा रोक दी गई थी। दरबार मूव की शुरुआत 1872 में महाराजा गुलाब सिंह ने की थी, ताकि दोनों क्षेत्रों में प्रशासनिक सुगमता सुनिश्चित की जा सके।
यह प्रथा एक सदी से अधिक समय तक जारी रही और जम्मू-कश्मीर की एकता का प्रतीक बनी रही। 2021 में इसे स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब सरकार का यह निर्णय जम्मू-कश्मीर की सबसे पुरानी प्रशासनिक परंपराओं की वापसी का प्रतीक है।