मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा: मतदाताओं को निशाना बनाकर हो रही है राजनीति

मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, जैसे कि चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखी गई हो।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुमार ने कहा, "कुछ मतदाताओं ने दो बार मतदान का आरोप लगाया। जब सबूत मांगा गया, तो कोई उत्तर नहीं दिया गया। न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता ऐसे झूठे आरोपों से डरता है। चुनाव आयोग सभी वर्गों और धर्मों के मतदाताओं के साथ, चाहे वे गरीब हों, अमीर, वृद्ध, महिलाएं या युवा, बिना किसी भेदभाव के खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा।"
आरोपों पर प्रतिक्रिया
सीईसी ने कहा, "जब चुनाव परिणाम घोषित होते हैं, तो कानून के अनुसार राजनीतिक दलों को 45 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में चुनाव याचिका दायर करने का अधिकार है। यदि इस 45-दिन की अवधि के बाद कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल कोई अनियमितता नहीं पाता है, तो देश के लोग समझते हैं कि ऐसे आधारहीन आरोपों के पीछे की मंशा क्या है।"
मतदाता की पहचान
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक ही सांसद और विधायक के चुनाव में मतदान कर सकते हैं। यदि किसी विदेशी नागरिक ने नामांकन फॉर्म भरा है, तो उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। जांच के बाद उनके नाम हटा दिए जाएंगे।
चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता
कुमार ने कहा, "लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से अधिक कर्मचारी, 10 लाख से अधिक बूथ स्तर के एजेंट और 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों के मतदान एजेंट काम करते हैं। इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?"