मुंबई में 'दादी' ठग का खुलासा: 12वीं पास, रोजाना कमाता था करोड़ों

मुंबई पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो केवल 12वीं पास है लेकिन प्रतिदिन 5 से 10 करोड़ रुपये की ठगी करता था। यह गिरोह महिलाओं को निशाना बनाकर उन्हें गलत मामलों में फंसाने की धमकी देता था। मास्टरमाइंड श्रीनिवास राव डाडी और उसके चार सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। जानें इस गिरोह के ठगी करने के तरीके और कैसे वे अपनी कमाई को क्रिप्टोकरंसी में बदलते थे।
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मुंबई में 'दादी' ठग का खुलासा: 12वीं पास, रोजाना कमाता था करोड़ों

मुंबई पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

12वीं पास, रोजाना कमाता था करोड़ों…. मुंबई की पुलिस को 'दादी' ठग के बैंक खाते ने चौंका दिया


मुंबई पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो प्रतिदिन 5 से 10 करोड़ रुपये की कमाई करता था। आरोपी की शिक्षा केवल 12वीं कक्षा तक है, लेकिन उसने एक ठगी करने वाली टीम बनाई थी। यह टीम कई शहरों में फैली हुई थी और महिलाओं को अपने निशाने पर लेती थी। वे लोगों को गलत मामलों में फंसाने की धमकी देकर ठगी करते थे, जिससे करोड़ों रुपये का लेन-देन होता था।


गिरफ्तारी की जानकारी

पुलिस उपायुक्त (जोन -11) अजय कुमार बंसल ने बताया कि मास्टरमाइंड श्रीनिवास राव डाडी (49) को बांगुर नगर पुलिस स्टेशन की टीम ने हैदराबाद के एक होटल से गिरफ्तार किया। वह तकनीकी रूप से बहुत कुशल है, हालांकि उसकी शिक्षा केवल 12वीं कक्षा तक है। उनके साथ चार अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया, जिनमें से दो ठाणे और दो कोलकाता से थे।


ठगी का तरीका

अजय कुमार बंसल ने बताया कि यह गिरोह खुद को पुलिसकर्मी बताकर ठगी करता था। वे फोन पर ज्यादातर महिलाओं को संपर्क करते थे और उन्हें बताते थे कि उनके पार्सल में ड्रग्स या हथियार हैं। इसके बाद, वे बैंक खातों की जानकारी मांगते थे, यह कहते हुए कि इससे कूरियर की पहचान की जाएगी।


अधिकतर लोग डरकर अपनी बैंक और आयकर की जानकारी साझा कर देते थे। इसके बाद, जालसाज पीड़ितों से वन टाइम पासवर्ड (OTP) भी ले लेते थे और फिर उनके खातों से पैसे निकाल लेते थे।


फ्रॉड की कमाई का इस्तेमाल

अधिकारी के अनुसार, जालसाजों ने कई मामलों में लोगों के मोबाइल में एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करवाकर उनके फोन को हैक किया। इस तरीके से डाडी और उसके गिरोह ने देशभर में हजारों लोगों को ठगा।


पुलिस ने बताया कि ठगी से प्राप्त सभी पैसे डाडी के खाते में आते थे, जहां एक दिन में 5 से 10 करोड़ रुपये का लेन-देन होता था। डाडी यह पैसा चीन के नागरिक को भेजता था और उसे क्रिप्टोकरंसी में बदल देता था।