मुंबई में एलफिंस्टन ब्रिज का ध्वस्तीकरण: नया डबल-डेकर पुल बनेगा

मुंबई के एलफिंस्टन ब्रिज का ध्वस्तीकरण किया गया है, जो 125 साल पुराना था। इसके स्थान पर एक नया डबल-डेकर पुल बनाया जाएगा, जो शहर के प्रमुख समुद्री पुलों को जोड़ेगा। हालांकि, स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण इस परियोजना में देरी हुई है। नए पुल से यातायात में सुधार और यात्रा समय में कमी आने की उम्मीद है। जानें इस पुनर्विकास योजना के बारे में और अधिक जानकारी।
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मुंबई में एलफिंस्टन ब्रिज का ध्वस्तीकरण: नया डबल-डेकर पुल बनेगा

एलफिंस्टन ब्रिज का समापन

मुंबई के प्रमुख क्षेत्रों जैसे परेल, लोअर परेल, भारतमाता और प्रभादेवी ने 125 साल पुराने एलफिंस्टन ब्रिज को अलविदा कह दिया है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के तहत एक महत्वपूर्ण पुनर्विकास परियोजना के चलते, इस पुल को 12 सितंबर की मध्यरात्रि को यातायात के लिए बंद कर दिया गया।


ध्वस्तीकरण और नए पुल का निर्माण

ध्वस्तीकरण और पुनर्विकास योजनाएँ

एक सदी पुराना एलफिंस्टन ब्रिज ध्वस्त कर 4.5 किलोमीटर लंबा आधुनिक डबल-डेकर पुल, जिसे सेवरी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर कहा जाएगा, का निर्माण किया जा रहा है। यह नया पुल मुंबई के दो प्रमुख समुद्री पुलों - बांद्रा-वर्ली सी लिंक और अटल सेतु - को जोड़ने का कार्य करेगा, जिससे शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।


स्थानीय विरोध और परियोजना में देरी

जनता के विरोध के कारण देरी से शुरुआत

हालांकि इस पुल को पहले अप्रैल में ध्वस्त करने की योजना थी, लेकिन स्थानीय निवासियों और दुकानदारों के विरोध के कारण इसे टालना पड़ा। संपत्ति के मूल्यों में गिरावट और पुल के आसपास रहने वाले परिवारों के विस्थापन की चिंताओं ने इस प्रक्रिया में बाधा डाली। दुकानदारों को यह डर है कि पुनर्निर्माण के बाद उनके व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके बावजूद, अधिकारियों ने परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए पुल को बंद करने और ध्वस्त करने का कार्य जारी रखा।


नए पुल का महत्व

प्रभाव और भविष्य की संभावना

यह पुल न केवल पूर्व-पश्चिम रेलवे संपर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, बल्कि यह कई मोहल्लों, स्कूलों, अस्पतालों और व्यावसायिक क्षेत्रों को भी जोड़ता था, जिससे प्रतिदिन 5 लाख से अधिक लोगों का आवागमन सुगम होता था। नए डबल-डेकर पुल से इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार और यात्रा समय में कमी आने की उम्मीद है। पुनर्विकास योजना में प्रभावित निवासियों का पुनर्वास भी शामिल है, ताकि व्यवधानों को कम किया जा सके।