मुंबई में एमवीए और मनसे के विरोध मार्च पर पुलिस की कार्रवाई

मुंबई में महा विकास आघाड़ी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के विरोध मार्च पर पुलिस ने कार्रवाई की है। आयोजकों के खिलाफ गैरकानूनी रूप से एकत्र होने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है। इस मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए थे। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और विपक्ष के आरोपों के बारे में।
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मुंबई में एमवीए और मनसे के विरोध मार्च पर पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने दर्ज किया मामला

शनिवार रात, मुंबई पुलिस ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के विरोध मार्च के आयोजकों के खिलाफ गैरकानूनी रूप से एकत्र होने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया। अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी दी।


रैली की अनुमति नहीं मिली

पुलिस ने बताया कि इस रैली के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी। एमवीए, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) शामिल हैं, ने मनसे के साथ मिलकर मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं के खिलाफ सत्य के लिए मार्च निकाला।


विपक्ष का आरोप

विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह मार्च सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लाभ पहुंचा रहा था। यह मार्च दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर एक किलोमीटर दूर बीएमसी मुख्यालय पर समाप्त हुआ। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, रांकपा के सुप्रीमो शरद पवार, मनसे के राज ठाकरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने भाग लिया।


आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई

विपक्षी नेताओं के भाषण के लिए एक ट्रक पर मंच तैयार किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि आज़ाद मैदान पुलिस थाने में आयोजकों के खिलाफ अवैध रूप से एकत्रित होने और मुंबई पुलिस द्वारा जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।