मुंबई में MVA का सत्य मार्च: पुलिस ने दी अनुमति से इनकार

महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने 1 नवंबर 2025 को मुंबई में एक सत्य मार्च का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं में सुधार की मांग करना है। इस मार्च में शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस और अन्य दल शामिल होंगे। हालांकि, पुलिस ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं के चलते इस प्रदर्शन के लिए अनुमति देने से मना कर दिया है। विपक्षी दलों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने का संकल्प लिया है। जानें इस विरोध प्रदर्शन की पूरी जानकारी और इसके पीछे की वजहें।
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मुंबई में MVA का सत्य मार्च: पुलिस ने दी अनुमति से इनकार

विपक्षी दलों का सत्य मार्च

मुंबई में MVA का सत्य मार्च: पुलिस ने दी अनुमति से इनकार

राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे, शरद पवार

महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने 1 नवंबर 2025 को मुंबई में एक बड़ा सत्य मार्च आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस मार्च का उद्देश्य चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं में मौजूद खामियों को उजागर करना है, विशेष रूप से वोटर लिस्ट में लगभग 1 करोड़ फर्जी या डुप्लिकेट नामों को हटाने की मांग को लेकर। उनका मानना है कि ये फर्जी वोटर स्थानीय चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए चुनाव से पहले लिस्ट को साफ करना आवश्यक है। इस मार्च में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट), मनसे, राकांपा (शरद पवार गुट), कांग्रेस और अन्य दल शामिल होंगे। विपक्ष का यह मार्च आज दोपहर 1 बजे शुरू होगा।

हालांकि, पुलिस ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण इस प्रदर्शन के लिए अनुमति देने से मना कर दिया है। फिर भी, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शरद पवार) और मनसे के नेता और कार्यकर्ता इस प्रदर्शन को आयोजित करने का संकल्प ले चुके हैं।

मार्च का मार्ग

यह मार्च मेट्रो सिनेमा से शुरू होकर महापालिका मार्ग होते हुए आजाद मैदान तक जाएगा। पुलिस ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए 350 जवान, 70 अधिकारी और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की चार प्लाटून तैनात की हैं। एसआरपीएफ की हर प्लाटून में लगभग 20 जवान होते हैं, जिससे मैदान पर कुल एसआरपीएफ अधिकारियों की संख्या लगभग 80 हो जाती है।

पुलिस का बयान

मुंबई पुलिस ने महाविकास अघाड़ी द्वारा आयोजित रैली को अनुमति देने से मना कर दिया है, जो मतदाता सूची में संभावित गड़बड़ियों के खिलाफ थी। मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि रैली के लिए अनुमति नहीं दी गई है। यदि यह मार्च बिना अनुमति के आयोजित किया जाता है, तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।

भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष टीमें

यातायात विभाग ने विरोध प्रदर्शन के मार्गों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई विशेष टीमों को तैनात किया है। विपक्ष ने इस प्रदर्शन को ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ बताया है। अनुमति न मिलने के बावजूद, विपक्षी दलों ने अपने ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ का उपयोग करने का संकल्प लिया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। मुंबई यातायात पुलिस ने नागरिकों को असुविधा से बचने के लिए दक्षिण मुंबई के मार्गों से बचने और वैकल्पिक सड़कों का उपयोग करने की सलाह दी है.