मुंबई पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के गिरोह का किया पर्दाफाश

मुंबई पुलिस ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बांग्लादेश से अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले नागरिकों को फर्जी भारतीय दस्तावेज मुहैया कराता था। इस गिरोह की एक महिला सदस्य, जिसने हिंदू पुरुष से विवाह किया था, को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने पिछले तीन महीनों में हजारों बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा है। यह मामला देश की आंतरिक सुरक्षा और नागरिक पहचान के लिए गंभीर चिंताएँ उत्पन्न करता है।
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मुंबई पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के गिरोह का किया पर्दाफाश

गिरोह का खुलासा


मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक महत्वपूर्ण गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बांग्लादेश से अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले विदेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय दस्तावेज मुहैया कराकर देश में बसाने का कार्य कर रहा था। इस गिरोह की एक महिला सदस्य, जिसने अपना नाम बदलकर मुंबई में एक हिंदू पुरुष से विवाह किया था, को भी गिरफ्तार किया गया है।


गिरोह की रणनीति

गिरोह के सदस्य पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में प्रवेश करते हैं। इसके लिए एजेंट फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड तैयार करते हैं, जिससे वे अपनी असली पहचान छिपा सकें। इस प्रक्रिया में अक्सर हिंदू पुरुषों को प्रेम जाल में फंसाया जाता है।


मुख्य गिरफ्तारी: मंजू शर्मा उर्फ अल्ताफ शेख

मुंबई की क्राइम ब्रांच ने बांग्लादेशी महिला अल्ताफ शेख को गिरफ्तार किया, जो मुंबई में 'मंजू शर्मा' के नाम से रह रही थी। उसने हिंदू पुरुष पुरुषोत्तम प्रसाद शर्मा से विवाह किया और फर्जी आधार कार्ड बनवाया। वह कई वर्षों तक इसी नाम से मुंबई में निवास करती रही। 3 अगस्त 2025 को उसे और उसके पति को गिरफ्तार किया गया।


पुलिस की कार्रवाई

पिछले तीन महीनों में, मुंबई पुलिस ने लगभग 1000 बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा है। यह रैकेट भारत के विभिन्न राज्यों में सक्रिय है और जांच जारी है ताकि इससे जुड़े अन्य व्यक्तियों को भी पकड़ा जा सके।


सामाजिक और सुरक्षा चिंताएँ

यह मामला देश की आंतरिक सुरक्षा, नागरिक पहचान और विदेशी घुसपैठ की गंभीरता को उजागर करता है। प्रेम जाल और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इन घुसपैठियों का नियमित रूप से देश में आना न केवल सामाजिक तनाव को बढ़ाता है, बल्कि कानूनी और सुरक्षा चुनौतियों को भी जन्म देता है।