मुंबई पुलिस ने डाक टिकट जालसाजी के मामले में तीन आरोपियों को पकड़ा

मुंबई पुलिस ने एक डाक टिकट जालसाजी गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली और बिहार से संचालित हो रहा था। आरोपियों के बैंक खातों से आठ करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। यह मामला तब सामने आया जब जाली टिकटों के उपयोग की शिकायत मिली। पुलिस ने जांच के दौरान राकेश बिंद को पहले पकड़ा, जो थोक ऑर्डर के लिए डाक टिकट उपलब्ध कराने की फ्रैंचाइजी रखता था। आगे की जांच में दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया।
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मुंबई पुलिस ने डाक टिकट जालसाजी के मामले में तीन आरोपियों को पकड़ा

डाक टिकट जालसाजी का खुलासा

मुंबई पुलिस ने दिल्ली और बिहार से संचालित एक डाक टिकट जालसाजी गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को इस मामले की जानकारी दी।


गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान शमशुद्दीन अहमद (35), शाहिद रजा (35) और राकेश बिंद (45) के रूप में हुई है। बिंद को मुंबई में पकड़ा गया, जबकि अहमद और रजा को दिल्ली और बिहार से गिरफ्तार किया गया।


पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों के बैंक खातों से आठ करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था।


इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब मुंबई के मुख्य महाडाकपाल को जाली टिकटों के उपयोग की शिकायत मिली। प्रारंभिक जांच में पत्रों पर लगे 15 रुपये के कुछ टिकट संदिग्ध पाए गए। 'इंडिया सिक्योरिटी प्रेस' में जांच करने पर ये टिकट नकली निकले।


डाक विभाग ने आंतरिक जांच की और बाद में माता रमाबाई अंबेडकर मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सबसे पहले राकेश बिंद को गिरफ्तार किया, जो थोक ऑर्डर के लिए डाक टिकट उपलब्ध कराने की फ्रैंचाइजी रखता था।


जांच के दौरान यह पता चला कि इस गिरोह के तार बिहार और दिल्ली से जुड़े हुए हैं, जिसके बाद दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह नकली डाक टिकटें उनके अंकित मूल्य से आधी कीमत पर बेचता था।


अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता के तहत 'सिक्कों, सरकारी टिकट, करेंसी नोट या बैंक नोट की जालसाजी' का मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच जारी है।