मुंबई के पानिपुरी विक्रेता के बेटे ने IIT में सफलता पाई

मुंबई के एक पानिपुरी विक्रेता के बेटे ने अपनी दूसरी कोशिश में IIT-रोरकी में प्रवेश पाया। हरश गुप्ता ने कक्षा 11 में असफलता के बाद कड़ी मेहनत की और IIT मेन्स में 98.59% अंक प्राप्त किए। उनके परिवार का समर्थन और दृढ़ संकल्प ने उन्हें इस सफलता तक पहुँचाया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी और संघर्ष के बारे में।
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मुंबई के पानिपुरी विक्रेता के बेटे ने IIT में सफलता पाई

IIT-रोरकी में मिली सीट

मुंबई के एक पानिपुरी विक्रेता के बेटे ने अपनी दूसरी कोशिश में IIT में प्रवेश पाया। यह लड़का, जिसने पहले कक्षा 11 की परीक्षा में असफलता का सामना किया था, ने कक्षा 12 में उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए और देश के एक प्रतिष्ठित संस्थान में सीट हासिल की।


मेहनत का फल मिला

हरश गुप्ता, जो कल्याण का निवासी है, ने कोटा में कोचिंग ली और IIT-रोरकी में सीट प्राप्त की। हरश की सफलता उसकी मेहनत और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, क्योंकि उसने परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी और इंजीनियर बनने का सपना पूरा करने की कोशिश की।


परिवार का समर्थन

हरश के पिता कल्याण में पानिपुरी की दुकान चलाते हैं। कक्षा 11 की परीक्षा में असफल होने के बाद, हरश ने परीक्षा दोबारा दी और इंजीनियरिंग परीक्षा में भाग लिया, लेकिन अपनी पसंद की सीट नहीं मिल पाई। उसने दूसरी बार प्रयास करने का निर्णय लिया। IIT मेन्स में 98.59% अंक प्राप्त करने के बाद, उसने JEE एडवांस में भी सफलता पाई और IIT में सीट हासिल की।


सपने को पूरा करने की प्रेरणा

हरश ने कहा, "कक्षा 11 की परीक्षा में असफल होने के बाद मैंने कोटा जाने का निर्णय लिया। मेरे परिवार ने मेरे निर्णय का समर्थन किया... मैंने हमेशा IIT में प्रवेश पाने का सपना देखा था, खासकर IIT मुंबई या रोरकी में।" हरश ने अन्य छात्रों को संदेश दिया कि असफलता को अपने ऊपर हावी न होने दें। वह अपने परिवार और स्कूल में पहला IITian है।