मिल्कीपुर उपचुनाव: सपा और भाजपा के बीच राजनीतिक संघर्ष तेज

उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा और भाजपा के बीच राजनीतिक संघर्ष तेज हो गया है। सपा ने एक भव्य रोड शो का आयोजन किया, जिसमें प्रमुख नेता और हजारों समर्थक शामिल हुए। इस चुनाव में सपा ने अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारा है। मतदान 5 फरवरी को होगा और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। जानें इस चुनाव की अहमियत और राजनीतिक हलचल के बारे में।
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मिल्कीपुर उपचुनाव का महत्व

मिल्कीपुर उपचुनाव: सपा और भाजपा के बीच राजनीतिक संघर्ष तेज


अखिलेश यादव की गतिविधियाँ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हाल ही में, सपा ने मिल्कीपुर में एक भव्य रोड शो का आयोजन किया, जिसमें हजारों समर्थकों की भीड़ शामिल हुई। इस कार्यक्रम में सपा सांसद डिंपल यादव, अवधेश प्रसाद और प्रिया सरोज जैसे कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे। अखिलेश यादव ने इस रोड शो का वीडियो साझा करते हुए कहा, 'मिल के जीतेंगे मिल्कीपुर!'


सियासी हलचल और उम्मीदवार

मिल्कीपुर में सियासी घमासान


मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। सपा ने इस चुनाव को जीतने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया है। हाल ही में आयोजित रोड शो में पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।


इस रोड शो में सपा से मैनपुरी सांसद डिंपल यादव, मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज और फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद जैसे कई नेता शामिल हुए। डिंपल यादव ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मिल्कीपुर की जनता सपा प्रत्याशी के साथ है और उन्हें पूरा विश्वास है कि समाजवादी पार्टी यहां जीत हासिल करेगी।


इस सीट पर सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस उपचुनाव में किसी भी उम्मीदवार को नहीं उतारा है। मिल्कीपुर विधानसभा में मतदान 5 फरवरी को होगा, और चुनाव के परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।