मिजोरम में भारी बारिश से स्कूल बंद, भूस्खलन और जलभराव की घटनाएं

मिजोरम में बारिश के कारण स्कूलों की बंदी
सोमवार को मिजोरम में भारी वर्षा के चलते सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया। इस बारिश के कारण राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन, मिट्टी धंसने, चट्टानें गिरने और जलभराव की घटनाएं हुईं, जैसा कि एक अधिकारी ने बताया।
स्कूल शिक्षा विभाग की निदेशक एंजेला ज़ोथनपुई ने कहा कि सभी 11 जिला प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
जिला प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचनाओं में बताया गया है कि स्कूलों को बंद करने का आदेश भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के आधार पर दिया गया है, जिसमें राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी गई थी।
इससे पहले, 29 और 30 मई को भी राज्य में स्कूल बंद रहे थे। 24 मई से हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और अन्य आपदाओं में म्यांमा के तीन शरणार्थियों सहित कम से कम पांच लोगों की जान चली गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन और बाढ़ के कारण 60 मकान या तो ढह गए हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं, और 69 अन्य को खाली कराया गया है।
रविवार तक, राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन की कुल 211 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिससे 83 स्थानों पर राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
राज्य विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 33 केवी के कम से कम सात उप-स्टेशन को नुकसान पहुंचा है और पूरे राज्य का एक तिहाई से अधिक क्षेत्र बिजली कटौती का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि मरम्मत का कार्य जारी है और यदि बारिश नहीं होती है, तो अगले दो-तीन दिनों में बिजली बहाल होने की उम्मीद है।
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में सेरछिप जिले में सबसे अधिक 10.46 सेमी बारिश हुई, इसके बाद कोलासिब (9.83 सेमी) और आइजोल (9.74 सेमी) का स्थान रहा।
विभाग ने सोमवार को राज्य के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई है। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने रविवार को मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की, जिसमें निर्माण और भवन योजनाओं के संबंध में कड़े कदम उठाने पर सहमति बनी।