मिजोरम को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने वाली नई रेल लाइन का उद्घाटन जल्द

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही मिजोरम की बैराबी-सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे, जो राज्य को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। यह नई रेल लाइन न केवल परिवहन को सुगम बनाएगी, बल्कि स्थानीय पर्यटन और वाणिज्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। मिजोरम के लोग अब ट्रेन से आइजोल की यात्रा कर सकेंगे, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा। जानें इस नई रेल लाइन के महत्व और इसके संभावित लाभों के बारे में।
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मिजोरम को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने वाली नई रेल लाइन का उद्घाटन जल्द

मिजोरम में नई रेल लाइन का महत्व

मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय रेल ने उन क्षेत्रों तक पहुंच बनाई है, जहां रेलवे का सपना पहले से ही देखा गया था, लेकिन पूर्व की सरकारों ने इसे साकार करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल का उद्घाटन किया, जिससे कश्मीर घाटी का राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ने का सपना पूरा हुआ। अब, पूर्वोत्तर के मिजोरम की राजधानी आइजोल को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेल लाइन तैयार हो चुकी है, जिसने भौगोलिक और साजोसामान से जुड़ी चुनौतियों को पार किया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएसआर) की मंजूरी के साथ यह लाइन तैयार है और जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।




इस रेल मार्ग के चालू होने के बाद, लोग सिलचर के रास्ते ट्रेन से आइजोल की यात्रा कर सकेंगे, जिससे वे राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता, पहाड़ियों और घने जंगलों का आनंद ले सकेंगे। मिजोरम को ‘पहाड़ी लोगों की भूमि’ के रूप में जाना जाता है। अधिकारियों ने बताया कि इस लाइन के पूरा होने से मिजोरम पूर्वोत्तर का चौथा राज्य बन गया है, जिसकी राजधानी राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ी है। इस लाइन में 12.853 किलोमीटर लंबी 48 सुरंगें, 55 बड़े और 87 छोटे पुल, पांच सड़क ओवरब्रिज और नौ सड़क अंडरब्रिज शामिल हैं। इनमें से एक पुल की ऊंचाई 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर अधिक है। नई लाइन से मिजोरम के निवासियों को बेहतर परिवहन और सुगमता का लाभ मिलेगा, साथ ही क्षेत्र में आवाजाही में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस अभूतपूर्व परिचालन से वाणिज्यिक गतिविधियों और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, पूर्वोत्तर के राज्यों में ट्रेन संपर्क मजबूत होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और स्टेशनों तथा माल शेड के पास छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा।